ऑपरेशन HAECHI-VI: अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ CBI की बड़ी कार्रवाई

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इंटरपोल के नेतृत्व में संचालित ऑपरेशन HAECHI-VI के तहत एक बड़े ट्रांसनेशनल साइबर-enabled वित्तीय अपराध गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस वैश्विक अभियान में CBI ने आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया और 45 संदिग्धों की पहचान की है, जो भारत से अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधों में लिप्त थे। यह ऑपरेशन साइबर अपराध की बढ़ती चुनौतियों के विरुद्ध एक सशक्त अंतरराष्ट्रीय कदम है।
ऑपरेशन HAECHI-VI: अपराध की श्रेणियाँ और CBI की भूमिका
इंटरपोल द्वारा समन्वित इस ऑपरेशन में सात प्रकार के अपराधों को केंद्र में रखा गया:
- साइबर-सक्षम वित्तीय धोखाधड़ी
- वॉयस फिशिंग
- लव और रोमांस स्कैम
- ऑनलाइन सेक्सटॉर्शन
- निवेश धोखाधड़ी
- अवैध ऑनलाइन सट्टेबाज़ी से जुड़ा मनी लॉन्ड्रिंग
- बिजनेस ईमेल कॉम्प्रोमाइज और ई-कॉमर्स धोखाधड़ी
CBI ने FBI, अमेरिकी न्याय विभाग और जर्मन अधिकारियों के साथ मिलकर इस अभियान को अंजाम दिया। ऑपरेशन के दौरान $66,340 (लगभग ₹55 लाख) नकद जब्त किए गए और 30 बैंक खातों को ब्लॉक किया गया, जो इन अपराधों से जुड़े थे।
अमेरिका और जर्मनी को निशाना बनाते कॉल सेंटर
CBI ने FBI और अमेरिकी न्याय विभाग के इनपुट पर कार्रवाई करते हुए दिल्ली और अमृतसर में चल रहे दो अवैध कॉल सेंटर्स को बंद किया, जो तकनीकी सहायता के नाम पर अमेरिकी नागरिकों को ठगते थे। साथ ही, दो ऐसे आरोपियों को गिरफ्तार किया गया जो नाबालिग अमेरिकी लड़कियों को सोशल मीडिया के जरिए अश्लील सामग्री साझा करने के लिए डराते और उकसाते थे।
इसी प्रकार, जर्मन एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर सिलीगुड़ी, दार्जिलिंग में एक और अवैध कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया गया, जो जर्मन नागरिकों को धोखे में लेकर साइबर धोखाधड़ी कर रहा था।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- HAECHI-VI ऑपरेशन इंटरपोल द्वारा समन्वित एक वैश्विक साइबर अपराध विरोधी अभियान है।
- CBI ने आठ अपराधियों को गिरफ्तार किया और 45 संदिग्धों की पहचान की।
- ऑपरेशन में भारत, अमेरिका और जर्मनी के जांच एजेंसियों ने समन्वय किया।
- कुल 30 बैंक खातों को सील किया गया और $66,340 नकद जब्त किए गए।