ऑपरेशन सिंधु: ईरान-इज़राइल संघर्ष के बीच भारत द्वारा नागरिकों की सुरक्षा का साहसिक प्रयास

ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते सैन्य संघर्ष के बीच, भारत सरकार ने 18 जून 2025 को “ऑपरेशन सिंधु” शुरू किया है, जिसका उद्देश्य ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालना है। यह अभियान न केवल रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि भारतीय विदेश नीति में मानवीय प्राथमिकता के प्रति प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
ऑपरेशन सिंधु की शुरुआत और पहली उड़ान
पहले चरण में, ईरान के उत्तरी हिस्से में पढ़ाई कर रहे 110 भारतीय छात्रों को सड़क मार्ग से अर्मेनिया की राजधानी येरेवन ले जाया गया, जहां से उन्होंने विशेष विमान द्वारा दोहा होते हुए भारत के लिए उड़ान भरी। यह दल गुरुवार सुबह नई दिल्ली पहुंच गया।
इस समूह में अधिकांश छात्र जम्मू-कश्मीर से थे जो मेडिकल शिक्षा के लिए ईरान में थे, जबकि अन्य उत्तर प्रदेश और कर्नाटक से संबंधित थे। एक छात्र ने बताया कि तेहरान में इज़राइली हमले के बाद उन्हें क़ुम में सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया और फिर बस से अर्मेनिया पहुंचाया गया।
भारतीय दूतावास की भूमिका और ईरान का आश्वासन
भारतीय विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की है कि ईरान में स्थित भारतीय दूतावास ने छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ईरानी अधिकारियों के साथ समन्वय में कार्य किया। ईरान के उप-राजदूत मोहम्मद जवाद हुसैनी ने कहा कि उनकी सरकार भारत के साथ मिलकर विदेशी नागरिकों की सुरक्षा के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
घायल छात्र और फंसे हुए तीर्थयात्री
तेहरान विश्वविद्यालय के छात्र अबरार ने बताया कि विश्वविद्यालय के छात्रावास पर बमबारी हुई थी जिसमें दो कश्मीरी छात्र घायल हो गए। वहीं, उत्तर प्रदेश के लखनऊ की तीर्थयात्री तात्हीर फातिमा ने बताया कि क़ुम में फंसे 96 से अधिक तीर्थयात्री, जिनमें वृद्ध महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं, दवाओं और आवश्यक वस्तुओं की कमी का सामना कर रहे हैं।
भारत की रणनीतिक तैयारी और राजनयिक चुनौती
भारत सरकार ने कहा है कि ईरान में स्थित 4,000 से अधिक भारतीयों की सुरक्षा उसकी प्राथमिकता है। इनमें से लगभग आधे छात्र हैं। भारत, अर्मेनिया, तुर्कमेनिस्तान और इराक जैसे मित्र देशों के सहयोग से निकासी की योजना बना रहा है, जबकि तुर्की, अज़रबैजान और पाकिस्तान जैसे कुछ पड़ोसी देशों के साथ भारत के संबंध तनावपूर्ण हैं।
पारंपरिक फारस की खाड़ी मार्ग और सऊदी अरब तथा कुवैत के माध्यम से समुद्री निकासी विकल्प भी सक्रिय हैं। भारत इस जटिल भौगोलिक और कूटनीतिक परिदृश्य में हरसंभव विकल्प तलाश रहा है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- ऑपरेशन सिंधु की शुरुआत 18 जून 2025 को हुई।
- पहले चरण में 110 छात्र ईरान से अर्मेनिया के रास्ते नई दिल्ली पहुंचे।
- ईरान में लगभग 4,000 भारतीय नागरिक रहते हैं, जिनमें से आधे छात्र हैं।
- भारत के अर्मेनिया, इराक और तुर्कमेनिस्तान से मित्रवत संबंध हैं; तुर्की, अज़रबैजान और पाकिस्तान से संबंध तनावपूर्ण हैं।
- तेहरान में इज़राइली हमले के बाद भारत ने अपने नागरिकों को शहर छोड़ने की सलाह दी थी।
ऑपरेशन सिंधु भारतीय सरकार की समयानुकूल प्रतिक्रिया और विदेश नीति की मानवीय संवेदनशीलता का परिचायक है। यह अभियान न केवल भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि संकट काल में भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को भी मजबूत बनाएगा। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि भारत इस अभियान को कितनी दक्षता और व्यापकता से अंजाम देता है।