ऑपरेशन सिंदूर: भारतीय ‘आकाशतीर’ प्रणाली के आगे तुर्की के ड्रोन बेअसर

मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए ऑपरेशन सिंदूर ने भारतीय रक्षा क्षमताओं की मजबूती को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया। इस संघर्ष में भारत की स्वदेशी विकसित ‘आकाशतीर’ एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान द्वारा तुर्की से प्राप्त Bayraktar TB2 और अन्य ड्रोन को पूरी तरह निष्क्रिय कर दिया, जिससे तुर्की के ड्रोन तकनीक की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे।
आकाशतीर प्रणाली: भारतीय रक्षा का नया आयाम
आकाशतीर प्रणाली भारत की स्वदेशी, एआई-संचालित, मल्टी-लेयर्ड एयर डिफेंस नेटवर्क है, जो वास्तविक समय में खतरे की पहचान, समन्वय और स्वायत्त हवाई खतरे की प्रतिक्रिया को सक्षम बनाती है।
- वास्तविक समय में निगरानी और ट्रैकिंग: विभिन्न सेंसरों से डेटा एकत्र कर समग्र हवाई स्थिति प्रदान करता है।
- स्वचालित कमांड और कंट्रोल: मैनुअल डेटा प्रविष्टि को समाप्त कर त्वरित खतरे की पहचान और प्रतिक्रिया को सक्षम बनाता है।
- एकीकृत संचार: विभिन्न एयर डिफेंस यूनिट्स के बीच निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करता है।
- विकेंद्रीकृत निर्णय प्राधिकरण: अग्रिम इकाइयों को त्वरित प्रतिक्रिया निर्णय लेने की शक्ति प्रदान करता है।
- स्केलेबल और मॉड्यूलर आर्किटेक्चर: भविष्य के उन्नयन के लिए डिज़ाइन किया गया है।
ऑपरेशन सिंदूर में आकाशतीर की भूमिका
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, पाकिस्तान ने तुर्की से प्राप्त Bayraktar TB2 और अन्य ड्रोन का उपयोग करते हुए भारतीय सीमाओं पर हमला किया।
- 300-400 तुर्की मूल के ड्रोन, जिनमें Byker YIHA III और Songatri जैसे कामिकेज़ ड्रोन शामिल थे, भारतीय वायु रक्षा द्वारा हवा में ही निष्क्रिय कर दिए गए।
- आकाशतीर प्रणाली ने वास्तविक समय में खतरे की पहचान, ट्रैकिंग और न्यूट्रलाइज़ेशन सुनिश्चित किया, जिससे कोई भी ड्रोन भारतीय वायु सीमा में प्रवेश नहीं कर सका।
तुर्की के Bayraktar TB2 ड्रोन की गिरती प्रतिष्ठा
Bayraktar TB2 ड्रोन, जो पहले यूक्रेन, लीबिया और अज़रबैजान में अपनी प्रभावशीलता के लिए प्रसिद्ध थे, अब आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक और रडार-समृद्ध युद्धक्षेत्रों में अपनी सीमाओं के कारण आलोचना का सामना कर रहे हैं।
- यूक्रेन में, TB2 ड्रोन ने प्रारंभिक सफलता के बाद रूसी इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियों के कारण अपनी प्रभावशीलता खो दी।
- लीबिया में, TB2 ड्रोन को LNA की वायु रक्षा प्रणालियों द्वारा बार-बार निष्क्रिय किया गया।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- आकाशतीर प्रणाली को भारत की रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) द्वारा विकसित किया गया है।
- Bayraktar TB2 ड्रोन को तुर्की की कंपनी Baykar द्वारा विकसित किया गया है, और यह तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन के दामाद सेलचुक बेयराकटर के नेतृत्व में विकसित हुआ है।
- आकाशतीर प्रणाली ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 100% इंटरसेप्शन रेट हासिल किया, जो इसकी प्रभावशीलता का प्रमाण है।