ऑपरेशन सिंदूर के वीरों को मिला सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक: स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर ऐतिहासिक सम्मान

ऑपरेशन सिंदूर के वीरों को मिला सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक: स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर ऐतिहासिक सम्मान

भारत की 79वीं स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ऑपरेशन सिंदूर के नेतृत्वकर्ता सात सैन्य अधिकारियों को सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक (SYSM) से सम्मानित करने की मंजूरी दी। यह पुरस्कार युद्धकालीन विशिष्ट सेवा के लिए भारत का सर्वोच्च सैन्य सम्मान है और इससे पहले केवल तीन बार ही प्रदान किया गया था। इस वर्ष भारतीय वायुसेना को चार, थलसेना को दो और नौसेना को एक पुरस्कार प्राप्त हुआ है।

ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्यवाही

7 मई की सुबह भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में मौजूद नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की। यह कार्रवाई पहलगाम हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकियों ने 26 निर्दोष लोगों की जान ले ली थी।

वायुसेना का निर्णायक योगदान

वायुसेना के चार वरिष्ठ अधिकारियों को इस अभूतपूर्व सैन्य संचालन में उनके योगदान के लिए SYSM से सम्मानित किया गया:

  • एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी (उप वायुसेनाध्यक्ष): संपूर्ण अभियान की योजना और बल की तैनाती की निगरानी।
  • एयर मार्शल नागेश कपूर (दक्षिणी एयर कमांड): समुद्री वायु अभियानों का समन्वय और दक्षिणी बेस से समर्थन।
  • एयर मार्शल जीतेंद्र मिश्रा (पश्चिमी एयर कमांड): पश्चिमी क्षेत्र में आक्रामक वायु अभियान और रक्षा की कमान।
  • एयर मार्शल ए.के. भारती (महानिदेशक, वायु संचालन): अभियानों की रणनीतिक योजना और निष्पादन।

IAF ने इस अभियान में 11 पाकिस्तानी एयरबेसों को निशाना बनाया, जिनमें नूर खान और रहीम यार खान प्रमुख रहे। स्वदेशी “आकाश” मिसाइल से लेकर ओसा-ए.के. और पेचोरा जैसे रक्षा प्रणालियों ने हवाई सुरक्षा सुनिश्चित की।

थलसेना की तत्परता और रणनीति

थलसेना के लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई (तत्कालीन DGMO, वर्तमान में उप सेनाध्यक्ष – रणनीति) और लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा (उत्तरी सेना के नए कमांडर) को भी सम्मानित किया गया। उनकी अगुवाई में एलओसी पर सतर्क तैनाती के साथ-साथ वायुसेना के साथ समन्वय कर ड्रोन्स और लूटेरिंग म्यूनिशन को रोका गया। shoulder-fired MANPADS, LLAD गन और लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों का उपयोग किया गया।

नौसेना को मिला ऐतिहासिक सम्मान

पहली बार वाइस एडमिरल संजय जसजित सिंह (सेवानिवृत्त) को SYSM से सम्मानित किया गया। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पश्चिमी नौसैनिक कमान के प्रमुख के रूप में Carrier Battle Group की तैनाती की। MiG-29K लड़ाकू विमान, एईडब्ल्यू हेलीकॉप्टर और पनडुब्बियों ने पाकिस्तान की नौसेना और वायुसेना की गतिविधियों को समुद्री क्षेत्र में सीमित कर दिया।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक अब तक केवल तीन अधिकारियों को मिला था — ऑपरेशन पवन और करगिल युद्ध के लिए।
  • SYSM को युद्धकाल में दिए जाने वाले परम विशिष्ट सेवा पदक के समकक्ष माना जाता है।
  • ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत 7 मई 2025 को की गई थी।
  • पाकिस्तान ने शुरू में भारतीय प्रस्ताव ठुकरा दिया, लेकिन 10 मई को संघर्षविराम का अनुरोध किया।

इस ऐतिहासिक सम्मान से न केवल ऑपरेशन सिंदूर में शामिल सैनिकों का गौरव बढ़ा है, बल्कि यह भारत की सैन्य शक्ति, रणनीतिक दक्षता और आतंक के प्रति “शून्य सहिष्णुता” नीति का स्पष्ट संदेश भी देता है। यह स्वतंत्रता दिवस इन वीरों के अदम्य साहस को समर्पित है।

Originally written on August 18, 2025 and last modified on August 18, 2025.

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