ऑपरेशन सागर बंधु: चक्रवात डिटवाह के बाद श्रीलंका को भारत की मानवीय सहायता
चक्रवात डिटवाह के बाद श्रीलंका में भारी तबाही हुई है, जिससे देश के कई हिस्सों में बुनियादी ढांचे और परिवहन व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई। इस संकट की घड़ी में भारत ने अपनी Neighbourhood First नीति के तहत ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के माध्यम से श्रीलंका को त्वरित मानवीय और अवसंरचनात्मक सहायता प्रदान की है। यह प्रयास न केवल भारत-श्रीलंका संबंधों की मजबूती को दर्शाता है, बल्कि भारत की रणनीतिक क्षेत्रीय भूमिका को भी रेखांकित करता है।
बुनियादी ढांचे की बहाली में भारत की इंजीनियरिंग सहायता
भारतीय सेना ने एक इंजीनियर टास्क फोर्स को श्रीलंका में तैनात किया है, जो चक्रवात से क्षतिग्रस्त अवसंरचना की बहाली में जुटी है।
- यह टीम श्रीलंकाई सेना और रोड डेवलपमेंट अथॉरिटी के साथ मिलकर चिलाव और किलिनोचची जैसे प्रमुख इलाकों में कार्य कर रही है।
- टूटे हुए पुलों को हटाकर Bailey bridges स्थापित किए जा रहे हैं, जिससे प्रभावित क्षेत्रों में सड़क संपर्क बहाल हो सके।
- इस तरह की आपातकालीन इंजीनियरिंग सहायता ने राहत प्रयासों में तेजी लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
त्वरित तैनाती और तकनीकी क्षमताएँ
ऑपरेशन की तीव्रता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारत ने 48-सदस्यीय विशेषज्ञ इंजीनियर टास्क फोर्स को युद्ध स्तर पर श्रीलंका भेजा।
- इस टीम में पुल निर्माण विशेषज्ञ, सर्वेयर, वॉटरमैनशिप विशेषज्ञ और भारी मशीनरी संचालक शामिल हैं।
- टीम ने अपने साथ चार सेट Bailey bridges, पनडुब्बी नौकाएं, भारी भार वहन करने वाले ड्रोन, HESCO बैग्स और अन्य आपदा राहत उपकरण लाए हैं।
- यह उपकरण कठिन भौगोलिक और मौसमीय परिस्थितियों में राहत कार्यों को संभव बनाते हैं।
चिकित्सा और मानवीय सहायता
इंजीनियरिंग सहायता के साथ-साथ भारत ने व्यापक चिकित्सा सहायता भी प्रदान की है।
- भारतीय चिकित्सकीय टीमों ने अब तक 5,000 से अधिक मरीजों का उपचार किया है।
- जीवनरक्षक दवाओं की आपूर्ति श्रीलंका को प्रदान की गई है, जिसमें से एक भाग विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने औपचारिक रूप से श्रीलंका के उच्चायुक्त को सौंपा।
- शेष दवाएं भारतीय वायुसेना के C-17 विमान द्वारा कोलंबो पहुंचाई जाएंगी।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- ऑपरेशन सागर बंधु भारत की Neighbourhood First नीति का हिस्सा है।
- Bailey bridges पूर्वनिर्मित ट्रस पुल होते हैं, जिन्हें आपात स्थिति में शीघ्र स्थापित किया जा सकता है।
- चक्रवात डिटवाह ने श्रीलंका में परिवहन अवसंरचना को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त किया।
- भारत विदेशी आपदाओं में अक्सर सैन्य इंजीनियरिंग इकाइयाँ तैनात करता है।
निष्कर्ष
ऑपरेशन सागर बंधु भारत की तत्पर, संगठित और मानवीय दृष्टिकोण से संचालित विदेश नीति का उत्कृष्ट उदाहरण है। यह केवल तकनीकी सहायता नहीं, बल्कि क्षेत्रीय विश्वास और सहयोग की नींव को मजबूत करने वाला प्रयास है। श्रीलंका के सेना प्रमुख और अधिकारियों द्वारा भारतीय प्रयासों की सराहना इस बात की पुष्टि करती है कि भारत संकट के समय में एक विश्वसनीय साझेदार और First Responder की भूमिका निभा रहा है। इससे भारत की रणनीतिक गहराई और दक्षिण एशिया में कूटनीतिक नेतृत्व और मजबूत हुआ है।