ऑपरेशन शिवशक्ति: पुंछ में घुसपैठ की कोशिश नाकाम, दो आतंकवादी ढेर
जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (LoC) पर भारतीय सेना ने एक और घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए दो आतंकवादियों को मार गिराया है। इस अभियान को ‘ऑपरेशन शिवशक्ति’ नाम दिया गया था और इसे भारतीय सेना की व्हाइट नाइट कोर तथा जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई के तहत अंजाम दिया गया।
ऑपरेशन शिवशक्ति: मुख्य उद्देश्य और रणनीति
ऑपरेशन शिवशक्ति का मुख्य उद्देश्य सीमा पार से होने वाली आतंकवादी घुसपैठ को रोकना था, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जो तीर्थ यात्राओं और नागरिक बस्तियों के लिए संवेदनशील हैं। यह ऑपरेशन पुंछ जिले के डिगवार सेक्टर के मालदिवालन क्षेत्र में देर रात खराब मौसम की स्थिति में शुरू किया गया।
- बुद्धा अमरनाथ यात्रा जैसे धार्मिक आयोजनों की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
 - आतंकियों को भारतीय सीमा में प्रवेश से पहले ही ढूंढकर निष्क्रिय करना।
 
घटनाक्रम
- खुफिया सूचना: सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस को जानकारी मिली कि लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी खराब मौसम का लाभ उठाकर LoC पार करने की कोशिश कर सकते हैं।
 - घात और मुठभेड़: सेना ने घात लगाकर पहरा शुरू किया। देर शाम घने कोहरे और बारिश के बीच संदिग्ध हलचल देखी गई। चुनौती दिए जाने पर आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी।
 - परिणाम: मुठभेड़ में दो पाकिस्तानी आतंकवादी मारे गए। उनके पास से तीन हथियार बरामद हुए, जिनमें चीनी और तुर्की पिस्तौल शामिल थीं, जिससे उनके विदेशी कनेक्शन की पुष्टि होती है।
 
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- ऑपरेशन शिवशक्ति भारतीय सेना की व्हाइट नाइट कोर और J&K पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से चलाया गया।
 - यह कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम हमले के बाद की गई जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे।
 - इससे पहले ऑपरेशन महादेव के तहत उन तीन आतंकियों को मार गिराया गया था जो पहलगाम हमले में शामिल थे।
 - ऑपरेशन शिवशक्ति के तहत घने कोहरे और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद कार्रवाई की गई।
 - सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि जम्मू-कश्मीर में सक्रिय अधिकांश आतंकवादी विदेशी हैं।
 
व्यापक प्रभाव
ऑपरेशन शिवशक्ति केवल एक सफल मुठभेड़ नहीं, बल्कि भारत की सीमा सुरक्षा और आतंकवाद के प्रति उसकी स्पष्ट नीति का उदाहरण है। यह अभियान भारत की बढ़ती खुफिया क्षमताओं, बेहतर समन्वय और तकनीकी कुशलता का प्रमाण है। ऐसे ऑपरेशन यह संदेश देते हैं कि भारत अब आतंकवाद को सीमाओं पर ही रोकने के लिए पूरी तरह तैयार है।