ऑपरेशन पवन के शहीदों को पहली बार औपचारिक श्रद्धांजलि: भारतीय सेना का ऐतिहासिक सम्मान

ऑपरेशन पवन के शहीदों को पहली बार औपचारिक श्रद्धांजलि: भारतीय सेना का ऐतिहासिक सम्मान

भारतीय सेना ने इतिहास में पहली बार ऑपरेशन पवन में शहीद हुए सैनिकों को औपचारिक रूप से श्रद्धांजलि देने की घोषणा की है। यह भारत की आज़ादी के बाद की पहली बड़ी विदेशी सैन्य कार्रवाई थी, जो 1987 से 1990 के बीच श्रीलंका में संचालित हुई थी। इस अभियान में 1,171 भारतीय सैनिकों ने वीरगति पाई और 3,500 से अधिक घायल हुए जो आधुनिक भारतीय सैन्य इतिहास में सबसे भारी क्षतियों में से एक मानी जाती है।

ऑपरेशन पवन और उसका उद्देश्य

ऑपरेशन पवन की शुरुआत 1987 में तब हुई जब भारत ने इंडियन पीस कीपिंग फोर्स (IPKF) को श्रीलंका भेजा। इसका उद्देश्य तमिल-सिंहली संघर्ष के दौरान बढ़ती हिंसा को रोकना और इंडो-श्रीलंका समझौते के तहत एलटीटीई (LTTE) सहित उग्रवादी समूहों को निरस्त्र करना था। हालांकि एलटीटीई ने समझौते को अस्वीकार कर दिया, जिसके बाद घने जंगलों और कठिन भूभाग में भीषण युद्ध छिड़ गया। भारतीय सैनिकों को लगातार घातक हमलों, नज़दीकी मुकाबलों और अचानक किए गए हमलों का सामना करना पड़ा।

भारी क्षति और अद्वितीय शौर्य

ऑपरेशन पवन के दौरान भारतीय सेना ने विदेशी भूमि पर अपने सबसे कठिन अभियानों में से एक संचालित किया। इस अभियान में कई सैनिकों ने असाधारण साहस का प्रदर्शन किया। मेजर रामास्वामी परमेश्वरन को 25 नवंबर 1987 को एक मुठभेड़ में वीरगति पाने के बाद परम वीर चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया। कई इकाइयों ने लगातार मोर्चों पर संघर्ष किया और कई बार शहीद साथियों के शव तक वापस नहीं ला सके।

दशकों तक बिना औपचारिक स्मरण

भारी बलिदान के बावजूद, ऑपरेशन पवन के लिए भारत में कभी कोई आधिकारिक स्मरण दिवस नहीं मनाया गया। वर्षों से पूर्व सैनिक, विधवाएँ और परिजन निजी स्तर पर स्मारकों पर श्रद्धांजलि देते रहे। इसके विपरीत, श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में इस अभियान के सम्मान में एक आईपीकेएफ स्मारक पहले ही निर्मित किया गया था, जो इसकी ऐतिहासिक महत्ता को स्वीकार करता है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • ऑपरेशन पवन (1987–1990) भारत की पहली प्रमुख विदेशी सैन्य कार्रवाई थी।
  • इस अभियान में 1,171 भारतीय सैनिक शहीद हुए और 3,500 से अधिक घायल हुए।
  • मेजर रामास्वामी परमेश्वरन को इस अभियान में वीरगति पर परम वीर चक्र मिला।
  • 2025 में पहली बार भारतीय सेना इस ऑपरेशन के शहीदों को औपचारिक रूप से सम्मानित कर रही है।

राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर ऐतिहासिक श्रद्धांजलि

26 नवंबर 2025 को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial) में एक विशेष समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें थलसेनाध्यक्ष और वरिष्ठ अधिकारी शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। कार्यक्रम में ऑपरेशन पवन के पूर्व सैनिकों और शहीदों के परिवारों को भी आमंत्रित किया गया है।

Originally written on November 25, 2025 and last modified on November 25, 2025.

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