ऑपरेशन क्रिस्टल फोर्ट्रेस: दिल्ली में 329 किलो मेथाम्फेटामाइन की ऐतिहासिक बरामदगी
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) और दिल्ली पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में 329 किलोग्राम मेथाम्फेटामाइन (Methamphetamine) बरामद की गई है, जिसकी अनुमानित कीमत ₹262 करोड़ है। यह राजधानी दिल्ली में अब तक की सबसे बड़ी ड्रग बरामदगियों में से एक मानी जा रही है। यह कार्रवाई ‘ऑपरेशन क्रिस्टल फोर्ट्रेस’ नाम से की गई, जिसका लक्ष्य एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग कार्टेल को ध्वस्त करना था, जो दिल्ली को अपने वितरण केंद्र के रूप में उपयोग कर रहा था।
बड़ी बरामदगी और गिरफ्तारियां
20 नवंबर को दक्षिण दिल्ली के छतरपुर स्थित एक आवास से यह भारी मात्रा में मादक पदार्थ बरामद किया गया। इस कार्रवाई में दो संदिग्धों उत्तर प्रदेश के शेन वारिस और नागालैंड की एस्थर किनिमी को गिरफ्तार किया गया है। दोनों को तकनीकी निगरानी, खुफिया इनपुट और राज्य एजेंसियों के सहयोग से पकड़ा गया। अधिकारियों के अनुसार, यह नेटवर्क कई स्तरों पर फैला था और इसे विदेशी ऑपरेटरों से निर्देश प्राप्त होते थे।
गिरोह की कार्यप्रणाली
जांच एजेंसियों ने खुलासा किया है कि यह ड्रग सिंडिकेट बहु-स्तरीय संचालन प्रणाली पर काम करता था। गिरोह नकली सिम कार्ड, एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप्स और किराए के ठिकानों का उपयोग कर सुरक्षा एजेंसियों से बचने की कोशिश करता था। शेन वारिस डिलीवरी नेटवर्क और कुरियर एजेंटों के संपर्क में था, जबकि एस्थर किनिमी कथित रूप से विभिन्न ‘सेफ हाउस’ और लॉजिस्टिक चैनलों की निगरानी करती थी ताकि माल की आपूर्ति बिना संदेह के पूरी हो सके।
विदेशी सरगना से संबंध और पूर्व की बरामदगियां
जांचकर्ताओं के अनुसार, इस पूरे नेटवर्क का संचालन एक विदेशी ड्रग किंगपिन द्वारा किया जा रहा है, जो पिछले वर्ष 83 किलोग्राम कोकीन बरामदगी के मामले में पहले से ही वांछित है। नवीनतम बरामदगी यह संकेत देती है कि दिल्ली अब सिंथेटिक ड्रग्स के घरेलू और अंतरराष्ट्रीय वितरण के लिए एक प्रमुख ट्रांजिट पॉइंट के रूप में उभर रही है। एजेंसियां अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समन्वय कर इस विदेशी सरगना तक पहुंचने और उसकी सप्लाई चेन को ध्वस्त करने की दिशा में काम कर रही हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- ऑपरेशन का नाम: ‘क्रिस्टल फोर्ट्रेस’
- बरामदगी: 329 किलोग्राम मेथाम्फेटामाइन (₹262 करोड़ मूल्य)
- संयुक्त अभियान: NCB और दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल द्वारा संचालित
- गिरफ्तार आरोपी: शेन वारिस (उत्तर प्रदेश) और एस्थर किनिमी (नागालैंड)
- गिरोह की तकनीक: फेक सिम कार्ड, एन्क्रिप्टेड ऐप्स और किराए के ठिकाने
सरकारी प्रतिक्रिया और आगे की जांच
गृह मंत्रालय ने इस अभियान को बहु-एजेंसी समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण बताया है। जांच एजेंसियां अब ड्रग कार्टेल के वित्तीय चैनलों, लॉजिस्टिक नेटवर्क और स्टोरेज पॉइंट्स की गहन जांच में जुटी हैं। यह बरामदगी न केवल दिल्ली में बल्कि पूरे भारत में सिंथेटिक ड्रग्स की तस्करी के खिलाफ चल रहे संघर्ष में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।