ऑक्सीजन उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले जिओलाइट्स (Zeolites) क्या हैं?

ऑक्सीजन उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले जिओलाइट्स (Zeolites) क्या हैं?

एयर इंडिया ने हाल ही में रोम से बेंगलुरु तक ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों में इस्तेमाल 35 टन जिओलाइट (Zeolite) को एयरलिफ्ट किया था।

जिओलाइट्स क्या हैं? (What are Zeolites?)

  • जिओलाइट एल्युमिनोसिलिकेट खनिज (aluminosilicate minerals) हैं। वे सूक्ष्म छिद्रयुक्त पदार्थ हैं जिनका उपयोग अधिशोषक (adsorbents) और उत्प्रेरक (catalysts) के रूप में किया जाता है।
  • वे K +, Na + , Ca 2+ , Mg 2+ जैसे धनायनों को समायोजित कर सकते हैं। जब जिओलाइट खनिज किसी विलयन के संपर्क में आते हैं, तो वे विलयन में अन्य आयनों के लिए इन धनायनों का आदान-प्रदान करते हैं। सबसे आम जिओलाइट खनिज स्टिलबाइट (stilbite), फिलिप्साइट (phillipsite), नैट्रोलाइट (natrolite), ह्यूलैंडाइट (heulandites), चाबज़ाइट (chabzite) हैं।

प्राकृतिक जिओलाइट्स (Natural Zeolites)

  • जिओलाइट प्राकृतिक रूप से तब बनते हैं जब ज्वालामुखी चट्टानें क्षारीय भूजल (alkaline ground water) के साथ प्रतिक्रिया करती हैं।
  • वे लाखों वर्षों तक समुद्री बेसिन में भी क्रिस्टलीकृत (crystallize) होते हैं।
  • प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले जिओलाइट क्वार्ट्ज जैसे अन्य खनिजों से दूषित होते हैं।वे विरले ही शुद्ध होते हैं। इस कारण से, प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले जिओलाइट्स को व्यावसायिक अनुप्रयोगों (commercial applications) से बाहर रखा गया है जहां शुद्धता आवश्यक होती है।

कृत्रिम जिओलाइट (Artificial Zeolite)

जिओलाइट भी सिलिका-एल्यूमिना जेल के धीमे क्रिस्टलीकरण की प्रक्रिया द्वारा निर्मित होते हैं।

उपयोग

वे मुख्य रूप से वाणिज्यिक जल शोधन (commercial water purification) में उपयोग किए जाते हैं। इसके अलावा, उनका उपयोग अधिशोषक (adsorbents) और उत्प्रेरक (catalysts) के रूप में किया जाता है।

ऑक्सीजन उत्पादन में जिओलाइट्स (Zeolites in Oxygen Production)

  • जिओलाइट्स का उपयोग Pressure Swing Adsorption में सोखने वाले पदार्थ (adsorbents) के रूप में किया जाता है।
  • एक ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर जिओलाइट्स का उपयोग वायुमंडलीय नाइट्रोजन को सोखने के लिए करता है और फिर नाइट्रोजन को बाहर निकालता है।इसके बाद मरीजों के उपयोग के लिए ऑक्सीजन गैस बचती है।
  • उच्च दबाव में, जिओलाइट्स का सतह क्षेत्र बढ़ जाता है और इस प्रकार बड़ी मात्रा में नाइट्रोजन को सोखने में सक्षम होता है।
Originally written on May 16, 2021 and last modified on May 16, 2021.

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