एशियाई खेलों की पदक विजेता मंजू बाला पर पांच साल का डोपिंग प्रतिबंध
भारत की हैमर थ्रो खिलाड़ी और 2014 एशियाई खेलों की कांस्य पदक विजेता मंजू बाला को डोपिंग उल्लंघन के मामले में पांच वर्ष का प्रतिबंध झेलना होगा। एंटी-डोपिंग डिसिप्लिनरी पैनल (ADDP) ने यह निर्णय मंजू बाला के नमूनों में प्रतिबंधित पदार्थों की पुष्टि के बाद सुनाया है। इस प्रतिबंध के चलते उनका करियर गंभीर रूप से प्रभावित होगा, और वे आने वाले कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों से बाहर हो जाएँगी।
डोपिंग उल्लंघन का विवरण
वर्ष 2024 में आयोजित नियमित जांच के दौरान मंजू बाला के नमूनों में डिहाइड्रोक्लोरोमेथिल-टेस्टोस्टेरोन और SARMS LGD-4033 जैसे प्रतिबंधित पदार्थ पाए गए। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) ने सितंबर 2024 में उनके खिलाफ डोपिंग उल्लंघन की पुष्टि की थी। इसके बाद अक्टूबर 15, 2025 को पैनल ने पाँच वर्ष का प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया, जो 10 जुलाई 2024 से प्रभावी रहेगा।
2014 के इंचियोन एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली मंजू बाला के लिए यह फैसला करियर पर एक बड़ा झटका माना जा रहा है। यह प्रतिबंध उन्हें आगामी एशियाई और राष्ट्रमंडल प्रतियोगिताओं से भी बाहर कर देगा।
अन्य खिलाड़ियों पर भी कार्रवाई
एंटी-डोपिंग पैनल की हालिया समीक्षा में अन्य कई भारतीय खिलाड़ियों पर भी कार्रवाई की गई है।
- मोहन सैनी को चार वर्ष का प्रतिबंध (14 अक्टूबर 2025 से) लगाया गया।
- बॉडीबिल्डर्स गोपालकृष्णन, अमित कुमार और राजवर्धन संजय वास्कर को छह-छह वर्ष के लिए निलंबित किया गया।
- शुभम महारा को चार वर्ष, मुक्केबाज़ सुमित को दो वर्ष, कैनोइस्ट नितिन वर्मा को चार वर्ष और बास्केटबॉल खिलाड़ी शिवेंद्र पांडे को छह वर्ष का प्रतिबंध झेलना होगा।
- साथ ही, एंटी-डोपिंग अपील पैनल (ADAP) ने स्प्रिंटर हिमानी चंदेल के चार वर्षीय प्रतिबंध को भी बरकरार रखा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- मंजू बाला पर 10 जुलाई 2024 से पाँच वर्ष का डोपिंग प्रतिबंध लागू होगा।
- उन्होंने डिहाइड्रोक्लोरोमेथिल-टेस्टोस्टेरोन और SARMS LGD-4033 के लिए पॉजिटिव परीक्षण दिया।
- अन्य खिलाड़ियों में मोहन सैनी (4 वर्ष), हिमानी चंदेल (4 वर्ष), और कई बॉडीबिल्डर्स (6 वर्ष) शामिल हैं।
- मामला राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) और एंटी-डोपिंग डिसिप्लिनरी पैनल (ADDP) द्वारा निपटाया गया।
भारतीय खेलों पर प्रभाव और भविष्य की निगरानी
इन प्रतिबंधों ने भारतीय खेल जगत में डोपिंग जागरूकता, परीक्षण प्रक्रियाओं और शिक्षा की आवश्यकता पर फिर से बहस छेड़ दी है। NADA अब एथलीटों के लिए डोपिंग रोधी शिक्षा अभियानों को और सशक्त करने तथा निगरानी प्रणालियों को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है।