एलसीए तेजस Mk 1A की पहली सार्वजनिक उड़ान: आत्मनिर्भर रक्षा निर्माण की उड़ान

देश में रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, स्वदेशी रूप से विकसित लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस Mk 1A ने अपनी पहली सार्वजनिक उड़ान शुक्रवार को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL), नासिक से भरी। इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे “भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता का चमकता प्रतीक” बताया।
इस आयोजन के साथ ही HAL की तेजस Mk 1A की तीसरी उत्पादन लाइन और स्वदेशी HTT-40 बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट की दूसरी उत्पादन इकाई का औपचारिक उद्घाटन भी हुआ।
आत्मनिर्भरता से आत्मबल की ओर
राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि एक समय था जब भारत 65-70% सैन्य उपकरणों का आयात करता था, लेकिन आज 65% रक्षा उपकरण देश में ही निर्मित हो रहे हैं। सरकार का लक्ष्य इस उत्पादन को 100% तक पहुंचाने का है। उन्होंने कहा, “आज हम फाइटर जेट्स, मिसाइलें, इंजन और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम जैसी आवश्यक चीज़ें भी स्वदेश में बना रहे हैं।”
सरकार ने 2029 तक रक्षा उत्पादन को ₹3 लाख करोड़ और निर्यात को ₹50,000 करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
उत्पादन और भविष्य की रणनीति
HAL की नासिक इकाई में अब हर वर्ष 8 तेजस Mk 1A विमान तैयार किए जा सकते हैं, जिसे बाद में बढ़ाकर 10 प्रति वर्ष किया जाएगा। HAL की कुल उत्पादन क्षमता अब प्रति वर्ष 24 तेजस विमान हो गई है।
इसी यूनिट में स्वदेशी HTT-40 ट्रेनर एयरक्राफ्ट का उत्पादन भी किया जाएगा, जो IAF के पुराने Pilatus PC-7 Mk II को प्रतिस्थापित करेगा। इसके अलावा यहां 15 Su-30 MKI विमान भी बनाए जाएंगे, जिनमें से 13 IAF के लिए और 2 HAL के लिए होंगे।
उड़ान प्रदर्शन और तकनीकी शक्ति का प्रदर्शन
समारोह में तेजस Mk 1A, HTT-40 और Su-30 MKI की हवाई प्रदर्शन भी हुआ। तेजस Mk 1A को वॉटर कैनन सलामी दी गई और इसकी उड़ान HAL के मुख्य परीक्षण पायलट ग्रुप कैप्टन के.के. वेंुगोपाल (सेवानिवृत्त) ने संचालित की।
राजनाथ सिंह ने AI, साइबर युद्ध, ड्रोन सिस्टम्स और नेक्स्ट-जेनरेशन एयरक्राफ्ट की बढ़ती भूमिका की ओर संकेत करते हुए कहा कि “भारत को इस नई दौड़ में आगे रहना होगा, न कि पीछे।”
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- LCA तेजस Mk 1A पूरी तरह से स्वदेशी फाइटर जेट है, जो HAL, DRDO, ADA और IAF के संयुक्त प्रयासों से विकसित हुआ है।
- HTT-40 ट्रेनर एयरक्राफ्ट HAL द्वारा पूरी तरह डिजाइन और निर्मित है, जो भारतीय वायुसेना के पायलटों को प्रारंभिक प्रशिक्षण देगा।
- नासिक उत्पादन लाइन को केवल दो वर्षों में चालू किया गया और इसमें 30 से अधिक असेंबली जिग्स हैं जो फ्यूसलेज, विंग्स और एयर इनटेक जैसे सभी प्रमुख घटकों को संभालते हैं।
- अब तक 10 तेजस Mk 1A का निर्माण पूरा हो चुका है, परंतु हथियार परीक्षण और अंतिम प्रमाणन के बाद ही वायुसेना में औपचारिक तौर पर शामिल किया जाएगा।
यह उपलब्धि केवल एक तकनीकी सफलता नहीं, बल्कि भारत की डिज़ाइन, निर्माण और रणनीतिक आत्मबल का प्रमाण है। HAL का विस्तार न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को सशक्त करता है, बल्कि नासिक क्षेत्र में 1,000 नई नौकरियों और 40 से अधिक औद्योगिक साझेदारों के निर्माण से आर्थिक विकास को भी गति देता है।