एमएसएमई ऋण मूल्यांकन के लिए सरकार ने नया क्रेडिट असेसमेंट मॉडल (CAM) शुरू किया
भारत सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) के लिए ऋण स्वीकृति प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने हेतु एक नया “क्रेडिट असेसमेंट मॉडल” (Credit Assessment Model – CAM) लागू किया है। यह डिजिटल-प्रथम (digital-first) ढांचा प्रौद्योगिकी आधारित, निष्पक्ष और डेटा-संचालित ऋण मूल्यांकन की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
स्वचालित और डेटा आधारित ऋण मूल्यांकन प्रणाली
सीएएम मॉडल विभिन्न डिजिटल स्रोतों से प्राप्त सत्यापित डेटा का उपयोग करके एमएसएमई ऋण मूल्यांकन को स्वचालित करता है। यह मॉडल मौजूदा (Existing-to-Bank) और नए (New-to-Bank) दोनों प्रकार के उधारकर्ताओं के लिए समान मानकों पर निर्णय लेने में मदद करता है। इसके माध्यम से ऋण सीमा का मॉडल आधारित मूल्यांकन संभव होता है और मानवीय हस्तक्षेप में कमी आती है। इससे ऋण स्वीकृति की गति और पारदर्शिता दोनों में सुधार होगा।
डिजिटल भुगतान अवसंरचना को सशक्त बनाने की पहल
ऋण सुधारों के समानांतर, सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) मिलकर डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दे रहे हैं। इसके तहत रुपे (RuPay) डेबिट कार्ड और कम मूल्य के भीम-यूपीआई (BHIM-UPI) व्यापारी लेन-देन (P2M) को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं। साथ ही, “पेमेंट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड” (PIDF) के माध्यम से देश के दूरदराज़ इलाकों में पॉइंट-ऑफ-सेल (POS) मशीनें और क्यूआर कोड तैनात किए जा रहे हैं ताकि डिजिटल भुगतान की पहुंच और स्वीकृति बढ़ सके।
पीएम स्वनिधि योजना का विस्तार
सड़क विक्रेताओं के लिए 2020 में शुरू की गई प्रधानमंत्री स्वनिधि (PM SVANidhi) योजना को अब 31 मार्च 2030 तक बढ़ा दिया गया है। आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) और वित्तीय सेवाएँ विभाग (DFS) द्वारा संयुक्त रूप से लागू इस योजना में अब तीन किश्तों में ₹15,000, ₹25,000 और ₹50,000 तक के ऋण की सुविधा दी जा रही है। इसके अतिरिक्त, एक रूपे क्रेडिट कार्ड जो यूपीआई से जुड़ा होगा, ₹30,000 की सीमा के साथ प्रदान किया जा रहा है, जिसमें डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए कैशबैक प्रोत्साहन भी शामिल है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- सीएएम (CAM) मॉडल डिजिटल और सत्यापित डेटा के माध्यम से एमएसएमई ऋण मूल्यांकन को स्वचालित करता है।
- डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने हेतु रुपे डेबिट कार्ड और भीम-यूपीआई लेन-देन पर प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं।
- पेमेंट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (PIDF) से दूरदराज़ क्षेत्रों में पीओएस और क्यूआर कोड लगाए जा रहे हैं।
- पीएम स्वनिधि योजना को मार्च 2030 तक बढ़ाया गया है; ऋण राशि ₹15,000, ₹25,000 और ₹50,000 की तीन श्रेणियों में उपलब्ध है।
- यूपीआई से जुड़े रूपे क्रेडिट कार्ड की सीमा ₹30,000 रखी गई है।
राज्यसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि ये सभी कदम एमएसएमई क्षेत्र में ऋण प्रवाह को सुदृढ़ करने, डिजिटल लेन-देन को व्यापक बनाने और छोटे विक्रेताओं को वित्तीय सशक्तिकरण प्रदान करने के उद्देश्य से उठाए गए हैं। सरकार का यह प्रयास समावेशी और तकनीक-आधारित वित्तीय पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।