एनीमिया मुक्त भारत अभियान और भारत में फोर्टिफाइड खाद्य वितरण की नीति

एनीमिया मुक्त भारत अभियान और भारत में फोर्टिफाइड खाद्य वितरण की नीति

भारत सरकार ने कुपोषण और विशेषकर एनीमिया जैसी सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से निपटने के लिए ‘एनीमिया मुक्त भारत’ (AMB) अभियान की शुरुआत 2018 में की थी। यह पहल स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के नेतृत्व में शुरू हुई, लेकिन इसका प्रशासनिक और कार्यान्वयन संबंध अनेक मंत्रालयों और विभागों से जुड़ा हुआ है, जिनमें उपभोक्ता मामले, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा और पशुपालन से संबंधित विभाग शामिल हैं।

फोर्टिफाइड चावल: एक केंद्रित हस्तक्षेप

  • पायलट कार्यक्रम और विस्तार: 2019 में चावल फोर्टिफिकेशन का पायलट कार्यक्रम शुरू किया गया, जिसे 2022 में राष्ट्रीय स्तर पर विस्तारित किया गया। मार्च 2024 तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली और सभी खाद्य सुरक्षा योजनाओं में दिए जाने वाले कस्टम-मिल्ड चावल को पूरी तरह से फोर्टिफाइड चावल से प्रतिस्थापित कर दिया गया है।
  • सरकारी वित्त पोषण: भारत सरकार ने 2028 तक फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति को जारी रखने की मंजूरी दी है। इसके लिए ₹17,082 करोड़ का पूरा खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी।

फोर्टिफाइड आहार का प्रभाव: पोषण और स्वास्थ्य पर प्रभाव

  • PM POSHAN योजना में उपयोग: शिक्षा मंत्रालय के तहत सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में स्कूली भोजन (PM POSHAN योजना) में फोर्टिफाइड चावल का उपयोग किया जा रहा है, जिससे स्कूली बच्चों में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी दूर की जा सके।
  • अन्य फोर्टिफाइड उत्पाद:

    • डबल फोर्टिफाइड नमक (DFS): लौह तत्व और आयोडीन से युक्त, एनीमिया और घेंघा (goitre) को रोकने में सहायक।
    • फोर्टिफाइड खाद्य तेल: विटामिन A और D से युक्त, जो दृष्टि और हड्डियों के स्वास्थ्य में सहायक होते हैं।

महिला और किशोरियों के लिए विशेष योजनाएं

  • WBNP और SAG योजनाएँ: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने प्रधानमंत्री के 75वें स्वतंत्रता दिवस संबोधन के अनुरूप, 2021-22 से फोर्टिफाइड चावल को Wheat Based Nutrition Programme और Scheme for Adolescent Girls के तहत वितरित करना शुरू किया है। इसका उद्देश्य महिलाओं और किशोरियों में एनीमिया से लड़ना है।

डेयरी पोषण और दूध आधारित हस्तक्षेप

  • गिफ्ट मिल्क कार्यक्रम: राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) की NFN संस्था ने 2015 से अब तक 11 राज्यों के 257 स्कूलों में 41,700 बच्चों को 7.10 लाख लीटर दूध वितरित किया है, जिससे 35.4 लाख ‘चाइल्ड मिल्क डेज़’ सुनिश्चित हुए हैं। इसका उद्देश्य दूध और फोर्टिफाइड दूध उत्पादों के माध्यम से पोषण बढ़ाना है।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की भूमिका

  • प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना (PMKSY), उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (PLISFPI) और PMFME योजना के माध्यम से केंद्र सरकार खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों, आपूर्ति श्रृंखला विकास और निर्यात वृद्धि पर काम कर रही है। ये योजनाएँ फोर्टिफाइड खाद्य उत्पादन में भी सहायक सिद्ध हो रही हैं।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • एनीमिया मुक्त भारत (AMB) की शुरुआत 2018 में की गई थी।
  • मार्च 2024 तक, सभी खाद्य सुरक्षा योजनाओं में वितरित चावल को फोर्टिफाइड चावल से बदला गया है।
  • फोर्टिफाइड चावल में आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन B12 होते हैं।
  • NFN के गिफ्ट मिल्क कार्यक्रम ने 11 राज्यों में 41,700 बच्चों तक पोषक दूध पहुँचाया है।
  • फोर्टिफाइड नमक और तेल का प्रयोग PM POSHAN योजना में अनिवार्य है।

भारत में फोर्टिफिकेशन आधारित पोषण कार्यक्रम केवल एक स्वास्थ्य नीति नहीं, बल्कि विभिन्न मंत्रालयों के सहयोग से चलने वाला एक बहु-आयामी प्रयास है जो देश की जनसंख्या को स्वस्थ, सशक्त और पोषणयुक्त बनाने की दिशा में अग्रसर है।

Originally written on August 23, 2025 and last modified on August 23, 2025.

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