एनसीएसएम को पीआरएसआई नेशनल अवार्ड्स 2025 से नवाजा गया
संस्कृति मंत्रालय के अधीन कार्यरत नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम्स (NCSM) को पब्लिक रिलेशंस सोसाइटी ऑफ इंडिया (PRSI) द्वारा दो प्रतिष्ठित पीआरएसआई नेशनल अवार्ड्स 2025 प्रदान किए गए हैं। यह सम्मान एनसीएसएम की प्रभावशाली जनसंपर्क रणनीति, सांस्कृतिक संवर्धन, डिजिटल भागीदारी और सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
पुरस्कार और सराहनीय पहलें
एनसीएसएम को पहला पुरस्कार “कॉरपोरेट कैंपेन में सोशल मीडिया के सर्वश्रेष्ठ उपयोग” श्रेणी में उसकी “हर घर म्यूजियम” पहल के लिए प्रदान किया गया। दूसरा पुरस्कार “विशेष/प्रेस्टीज प्रकाशन” श्रेणी में “वेस्ट टू आर्ट” प्रकाशन के लिए मिला। इन दोनों पहलों को जनसहभागिता, रचनात्मकता, और राष्ट्रीय सांस्कृतिक-सतत लक्ष्यों से मेल खाने के लिए सराहा गया।
वेस्ट टू आर्ट: कचरे से कला की ओर
“वेस्ट टू आर्ट” एक प्रमुख पहल है जिसे स्पेशल कैंपेन 4.0 और स्वच्छता ही सेवा के अंतर्गत शुरू किया गया था। इस अभियान के तहत 1,250 किलोग्राम से अधिक अपशिष्ट पदार्थ — जैसे मेटल स्क्रैप, इलेक्ट्रॉनिक पुर्जे और फेंके गए कंटेनरों — को कलाकृतियों में परिवर्तित किया गया। ये कलाकृतियाँ देशभर के एनसीएसएम इकाइयों में शैक्षिक प्रदर्शनी के रूप में स्थापित की गई हैं, जो सर्कुलर इकोनॉमी के सिद्धांतों को बढ़ावा देती हैं। इस पहल में हैंड्स-ऑन वर्कशॉप, राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं और सामुदायिक भागीदारी प्रमुख रूप से शामिल रही, जिनकी झलक सोशल मीडिया के माध्यम से साझा की गई।
हर घर म्यूजियम: सांस्कृतिक धरोहर का डिजिटलीकरण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर शुरू की गई “हर घर म्यूजियम” पहल भारतीय परिवारों के पास संरक्षित सांस्कृतिक विरासत को उजागर करने पर आधारित है। यह अभियान नागरिकों को अपने पारिवारिक धरोहर, कलाकृतियों और वस्तुओं की तस्वीरें, कहानियाँ और वीडियो साझा करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इससे एक डिजिटल संग्रहालय का निर्माण होता है, जो व्यक्तिगत इतिहास को राष्ट्रीय सांस्कृतिक कथा में जोड़ता है और सांस्कृतिक संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाता है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- एनसीएसएम संस्कृति मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
- पीआरएसआई नेशनल अवार्ड्स 2025 का आयोजन 13-15 दिसंबर को देहरादून में हुआ।
- हर घर म्यूजियम अभियान घरेलू सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण को बढ़ावा देता है।
- वेस्ट टू आर्ट पहल रचनात्मक पुन: उपयोग द्वारा सर्कुलर इकोनॉमी को प्रोत्साहित करती है।
यह उपलब्धि एनसीएसएम की रणनीतिक संचार नीति और सामाजिक भागीदारी में उत्कृष्टता को दर्शाती है। ये पुरस्कार भविष्य की दिशा में प्रेरणादायक कदम हैं, जो भारत की सांस्कृतिक समृद्धि और सतत विकास के संदेश को जन-जन तक पहुंचाते हैं।