एनडीए से पहली बार 17 महिला कैडेट्स की ऐतिहासिक पासिंग आउट परेड

30 मई 2025 को पुणे स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की, जब पहली बार 17 महिला कैडेट्स ने 148वें कोर्स की पासिंग आउट परेड में भाग लिया। यह क्षण भारतीय सशस्त्र बलों में लैंगिक समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

एनडीए में महिलाओं का प्रवेश: एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

एनडीए की स्थापना 1949 में हुई थी, लेकिन लंबे समय तक यह केवल पुरुष कैडेट्स के लिए ही खुला रहा। 2021 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक निर्णय के बाद महिलाओं को एनडीए में प्रवेश की अनुमति मिली। इसके परिणामस्वरूप, 2022 में पहली बार 19 महिला कैडेट्स ने प्रशिक्षण शुरू किया, जिनमें से 17 ने सफलतापूर्वक तीन वर्षों का कठोर प्रशिक्षण पूरा किया।

प्रशिक्षण और समावेशन की प्रक्रिया

महिला कैडेट्स को एनडीए के नियमित स्क्वाड्रनों में पुरुष कैडेट्स के साथ एकीकृत किया गया। प्रशिक्षण पूरी तरह से लैंगिक-निरपेक्ष था, जिसमें शारीरिक, मानसिक और अकादमिक विकास पर समान जोर दिया गया। एनडीए कमांडेंट वाइस एडमिरल गुरचरण सिंह ने कहा, “आज वे पूरी तरह से स्क्वाड्रनों और बटालियनों के साथ एकीकृत हैं। वे साथ दौड़ते हैं, खेलते हैं और प्रशिक्षण लेते हैं। हर गतिविधि लैंगिक-निरपेक्ष है।”

महिला कैडेट्स की उपलब्धियाँ

इन महिला कैडेट्स ने न केवल प्रशिक्षण पूरा किया, बल्कि कई क्षेत्रों में उत्कृष्टता भी प्राप्त की। डिवीजनल कैडेट कैप्टन श्रुति दक्ष ने आर्ट्स स्ट्रीम में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया। रितु दुहन एनडीए की पहली महिला बटालियन कैडेट कैप्टन बनीं।

पासिंग आउट परेड: एक गौरवपूर्ण क्षण

पासिंग आउट परेड का आयोजन खड़कवासला स्थित खेत्रपाल परेड ग्राउंड में किया गया, जिसमें कुल 1,341 कैडेट्स ने भाग लिया। इस अवसर पर मिजोरम के राज्यपाल और पूर्व थलसेना प्रमुख जनरल वी. के. सिंह ने परेड की समीक्षा की और महिला कैडेट्स को ‘नारी शक्ति’ का प्रतीक बताया।

भविष्य की दिशा

एनडीए से स्नातक होने के बाद, ये महिला कैडेट्स अब भारतीय सैन्य अकादमी, भारतीय नौसेना अकादमी और वायु सेना अकादमी में प्री-कमीशन प्रशिक्षण के लिए जाएंगी। यह मार्ग उन्हें भविष्य में सेना के उच्चतम पदों तक पहुंचने का अवसर प्रदान करेगा।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • एनडीए की स्थापना: 7 दिसंबर 1949 को पुणे के खड़कवासला में हुई थी।
  • एनडीए का आदर्श वाक्य: “सेवा परमो धर्मः” (सेवा सर्वोच्च कर्तव्य है)।
  • एनडीए से अब तक: 32 सेवा प्रमुख (आर्मी, नेवी, एयरफोर्स) पास आउट हो चुके हैं।
  • महिला कैडेट्स की कुल संख्या: 2022 से अब तक 126 महिला कैडेट्स एनडीए में प्रवेश कर चुकी हैं, जिनमें से 17 ने 2025 में स्नातक किया।
  • एनडीए का परिसर: लगभग 7,015 एकड़ में फैला हुआ है, जो दुनिया की पहली त्रि-सेवा अकादमी है।

यह ऐतिहासिक उपलब्धि न केवल एनडीए के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। इन महिला कैडेट्स ने यह साबित कर दिया है कि समर्पण, साहस और दृढ़ संकल्प के साथ कोई भी

भी भारतीय सशस्त्र बल में शीर्ष पदों तक पहुंच सकता है। यह केवल एक शुरुआत है — एक ऐसा मोड़, जिससे भविष्य में महिला सैन्य अधिकारियों के लिए और अधिक अवसर खुलेंगे। महिला कैडेट्स की यह ऐतिहासिक पासिंग आउट परेड भारतीय सेना के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज की जाएगी।

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