एनएचएआई की नई पहल: 23 राज्यों में हाईवे की गुणवत्ता जांचने को उतरेगी NSV टीम
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने देश भर में सड़कों की गुणवत्ता और रखरखाव की निगरानी के लिए एक अहम कदम उठाया है। अब 23 राज्यों में 20,933 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्गों पर नेटवर्क सर्वे व्हीकल (NSV) तैनात किए जाएंगे। इस तकनीकी पहल का उद्देश्य सड़कों की स्थिति की वैज्ञानिक तरीके से जांच करना और समय रहते सुधारात्मक कदम उठाना है।
NSV सर्वे क्या करेगा?
NSV वाहन अत्याधुनिक तकनीक से लैस होंगे और सड़क की सतह पर मौजूद दरारें, गड्ढे, पैचिंग जैसी खामियों की स्वतः पहचान करेंगे। यह वाहन मानवीय हस्तक्षेप के बिना सड़क की स्थिति का डेटा एकत्र करेंगे, जिसमें शामिल होगा:
- 3D लेजर आधारित सिस्टम से सटीक सतह विश्लेषण
- 360 डिग्री कैमरे से पूर्ण दृश्य कैप्चर
- डिफरेंशियल जीपीएस (DGPS) से लोकेशन डेटा
- इनर्शियल मेज़रमेंट यूनिट (IMU) और डिस्टेंस मेज़रिंग इंडिकेटर (DMI) से उच्च तकनीकी माप
इस तकनीक से हर 2, 4, 6 और 8 लेन वाले राजमार्गों की स्थिति का आकलन किया जाएगा, और सर्वे कार्य प्रत्येक परियोजना के प्रारंभ से पहले तथा हर छह माह में किया जाएगा।
डेटा संग्रहण और विश्लेषण
संग्रहित डेटा को एनएचएआई के AI आधारित ‘डेटा लेक’ पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। इसके बाद विशेषज्ञों की एक टीम इस डेटा का विश्लेषण कर तकनीकी रिपोर्ट तैयार करेगी, जो सड़क मरम्मत और रखरखाव के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करेगी। इसके अलावा, यह डेटा भविष्य की योजनाओं और ‘रोड एसेट मैनेजमेंट सिस्टम’ के लिए सुरक्षित रखा जाएगा।
निविदा प्रक्रिया और कार्यान्वयन
NSV परियोजना को लागू करने के लिए एनएचएआई ने योग्य कंपनियों से निविदाएं आमंत्रित की हैं। इस पहल से सड़क निर्माण, संरचना नियोजन, एसेट मैनेजमेंट और सड़क रखरखाव में पारदर्शिता और प्रभावशीलता आएगी। यह प्रयास सड़कों की दीर्घकालिक गुणवत्ता सुनिश्चित करने में सहायक सिद्ध होगा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- एनएचएआई की स्थापना 1995 में की गई थी, जो भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास और रखरखाव करता है।
- भारत में लगभग 1.5 लाख किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग हैं, जो कुल सड़कों का केवल 2% हैं, परंतु 40% यातायात इन पर होता है।
- NSV पहली बार भारत में साल 2019 में सीमित प्रयोग में लाई गई थी, जिसे अब राष्ट्रीय स्तर पर विस्तारित किया जा रहा है।
- ‘डेटा लेक’ पोर्टल पर अपलोड किया गया डेटा भविष्य की सड़क परियोजनाओं के लिए तकनीकी आधार बनेगा।
इस तकनीकी पहल से न केवल सड़कों की वर्तमान स्थिति का वैज्ञानिक विश्लेषण संभव होगा, बल्कि यह राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क की दीर्घकालिक मजबूती और सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेगा। भारत की सड़कों को विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।