एडलगिव हुरुन इंडिया फिलांथ्रॉपी लिस्ट 2025: भारत में बढ़ती समाजसेवा की भावना

एडलगिव हुरुन इंडिया फिलांथ्रॉपी लिस्ट 2025: भारत में बढ़ती समाजसेवा की भावना

भारत में परोपकार की भावना ने 2025 में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। एडलगिव हुरुन इंडिया फिलांथ्रॉपी लिस्ट 2025 के अनुसार, इस वर्ष भारत के सबसे धनी लोगों ने ₹10,380 करोड़ का दान किया — जो मात्र तीन वर्षों में 85% की वृद्धि दर्शाता है। यह बदलाव देश में तेजी से विकसित हो रही परोपकारी संस्कृति और समाजकल्याण में बढ़ती उद्योगपतियों की भूमिका को उजागर करता है।

शिव नाडार एक बार फिर शीर्ष स्थान पर

शिव नाडार और उनका परिवार चौथी बार पिछले पांच वर्षों में देश के सबसे बड़े दानदाता बने हैं। उन्होंने 2025 में ₹2,708 करोड़ का दान दिया — यानी औसतन ₹7.4 करोड़ प्रति दिन। यह पिछले वर्ष की तुलना में 26% अधिक है।
उनका योगदान मुख्यतः शिव नाडार फाउंडेशन के माध्यम से शिक्षा, कला और सांस्कृतिक परियोजनाओं में गया, जिनका उद्देश्य ज्ञान और रचनात्मकता के माध्यम से अगली पीढ़ियों को सशक्त बनाना है।

अंबानी, बजाज और बिड़ला परिवार भी प्रमुख दानदाताओं में

  • मुकेश अंबानी और परिवार ₹626 करोड़ दान के साथ दूसरे स्थान पर रहे। उनके रिलायंस फाउंडेशन ने स्वास्थ्य, शिक्षा और ग्रामीण विकास में प्रमुख भूमिका निभाई।
  • बजाज परिवार ₹446 करोड़ के साथ तीसरे स्थान पर रहा, जिनके दान जमनालाल बजाज ट्रस्ट और उससे जुड़ी पहलों के माध्यम से ग्रामीण विकास में केंद्रित हैं।
  • कुमार मंगलम बिड़ला और उनका परिवार ₹440 करोड़ के साथ चौथे स्थान पर रहा, जिन्होंने शिक्षा और सामुदायिक विकास को प्राथमिकता दी।
  • गौतम अडानी और परिवार ₹386 करोड़ दान के साथ पाँचवें स्थान पर रहे। उनका अडानी फाउंडेशन स्वास्थ्य, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में सक्रिय है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • • कुल दान राशि (2025): ₹10,380 करोड़
  • • शीर्ष स्थान: शिव नाडार और परिवार — ₹2,708 करोड़
  • • शीर्ष 10 दानदाताओं का कुल योगदान: ₹5,834 करोड़ (कुल का आधे से अधिक)
  • • कुल 191 दानदाता सूची में शामिल
  • • नए प्रविष्ट दानदाता: 12

भारत में परोपकार का बढ़ता प्रभाव

2025 की यह सूची दिखाती है कि कैसे भारत के कॉर्पोरेट लीडर अपनी संपत्ति को समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिए उपयोग में ला रहे हैं। शिक्षा, तकनीक, ग्रामीण विकास और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में दीर्घकालिक योगदान से भारतीय उद्योगपति अब वैश्विक स्तर पर संगठित दान की मिसाल पेश कर रहे हैं।

Originally written on November 7, 2025 and last modified on November 7, 2025.

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