एचडीएफसी बैंक बना भारत का सबसे मूल्यवान ब्रांड
भारत के ब्रांड परिदृश्य में इस वर्ष बड़ा बदलाव देखने को मिला है। कैंटर ब्रांडज़ (Kantar BrandZ) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, एचडीएफसी बैंक को भारत का सबसे मूल्यवान ब्रांड घोषित किया गया है। यह उपलब्धि देश के वित्तीय और तकनीकी क्षेत्रों की बढ़ती ताकत को दर्शाती है, जो अब वैश्विक प्रतिस्पर्धा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
वित्तीय और तकनीकी क्षेत्र में भारतीय दिग्गजों का दबदबा
एचडीएफसी बैंक ने लगभग 45 अरब डॉलर के अनुमानित ब्रांड मूल्य के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया है। इसके बाद टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) का स्थान है, जिसका मूल्य 44.2 अरब डॉलर आंका गया है। तीसरे, चौथे और पाँचवें स्थान पर क्रमशः एयरटेल, इंफोसिस और आईसीआईसीआई बैंक हैं। यह सूची इस तथ्य को उजागर करती है कि बैंकिंग और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र भारत की आर्थिक वृद्धि के दो प्रमुख स्तंभ बन चुके हैं।
भारतीय शीर्ष 100 ब्रांड्स का कुल मूल्य 523 अरब डॉलर पार
2025 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के शीर्ष 100 ब्रांड्स का संयुक्त मूल्य 523.5 अरब डॉलर तक पहुँच गया है, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग 13 प्रतिशत है। इस वर्ष सूची में अधिक ब्रांड शामिल किए गए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भारतीय उद्योग जगत में ब्रांडिंग और नवाचार में निवेश लगातार बढ़ रहा है। इनमें से 34 ब्रांड्स ने उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की, जिससे कुल मूल्य में 6 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि हुई।
तेजी से उभरते ब्रांड और नए प्रवेशकर्ता
ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म ज़ोमैटो (Zomato) लगातार दूसरे वर्ष सबसे तेजी से बढ़ने वाला ब्रांड बना, जो अब 21वें स्थान पर पहुँच गया है और इसका ब्रांड मूल्य 6 अरब डॉलर तक पहुँच गया है। वहीं, इस बार की सूची में अल्ट्राटेक सीमेंट, ह्युंडई, वेस्टसाइड और जूडियो (Zudio) जैसे नए ब्रांड्स ने एंट्री ली है।यात्रा और आतिथ्य क्षेत्र में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जहां ताज, इंडिगो और मेकमाईट्रिप जैसे ब्रांड्स ने उपभोक्ता मांग और सेवा विस्तार के चलते 40 प्रतिशत से अधिक मूल्य वृद्धि दर्ज की।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- एचडीएफसी बैंक भारत का सबसे मूल्यवान ब्रांड (2025) है – लगभग 45 अरब डॉलर।
- ब्रांडज़ इंडिया टॉप 100 की कुल ब्रांड वैल्यू 523.5 अरब डॉलर है।
- ज़ोमैटो लगातार दूसरे वर्ष सबसे तेजी से बढ़ने वाला ब्रांड बना।
- ताज और इंडिगो जैसे यात्रा ब्रांड्स ने 40% से अधिक वृद्धि दर्ज की।
ब्रांड वृद्धि के प्रमुख कारक
विशेषज्ञों के अनुसार, भले ही समग्र आर्थिक वृद्धि थोड़ी धीमी रही हो, लेकिन शीर्ष भारतीय ब्रांड्स ने औसतन सात गुना तेज वृद्धि दर्ज की है। इसका कारण है उपभोक्ता समझ, नवाचार में निरंतरता और प्रौद्योगिकी में निवेश। भारतीय कंपनियाँ अब वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाने के साथ-साथ घरेलू बाजार में ब्रांड विश्वास को भी गहरा कर रही हैं।