‘एक जिला, एक उत्पाद’ को मिलेगा नया मंच: 27 राज्यों को PM एकता मॉल की मंजूरी

भारत सरकार ने ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ODOP) पहल के अंतर्गत प्रधानमंत्री एकता मॉल (PM Ekta Mall) की स्थापना हेतु 27 राज्यों को स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह निर्णय देश के पारंपरिक, भौगोलिक संकेतक (GI)-चिह्नित और स्थानीय हस्तशिल्प उत्पादों को स्थायी विपणन मंच प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। केवल पश्चिम बंगाल ऐसा राज्य है जिसे अभी तक केंद्र से मंजूरी नहीं मिली है।

एकता मॉल योजना: उद्देश्य और स्वरूप

PM एकता मॉल की योजना 2023-24 के केंद्रीय बजट में घोषित की गई थी। इसका उद्देश्य राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों को विशेष खुदरा स्थान प्रदान करना है, जहाँ वे अपने विशिष्ट ODOP और GI-चिह्नित उत्पादों को प्रदर्शित और बेच सकें। यह योजना वित्त मंत्रालय के ‘राज्य पूंजी निवेश के लिए विशेष सहायता (SASCI)’ के भाग-VI के अंतर्गत संचालित की जा रही है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 में लगभग ₹4,796 करोड़ के प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिली।
  • कुल ₹5,000 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया था।
  • राज्यों को मॉल के लिए भूमि निशुल्क देनी होगी या खरीद का खर्च वहन करना होगा।
  • मॉल्स को राज्य की राजधानी या प्रमुख वित्तीय/पर्यटन केंद्रों में स्थापित किया जाएगा।
  • योजना का क्रियान्वयन ‘पहले आओ, पहले पाओ’ सिद्धांत पर आधारित है।

राज्यों को स्वीकृतियाँ और आवंटन

  • उत्तर प्रदेश: ₹370.25 करोड़ (आगरा, लखनऊ, वाराणसी में तीन मॉल)
  • मध्य प्रदेश: ₹284 करोड़ (उज्जैन)
  • असम: ₹226 करोड़ (गुवाहाटी)
  • तमिलनाडु: ₹223 करोड़ (चेन्नई)
  • बिहार: ₹212.69 करोड़ (पटना)
  • गुजरात व तेलंगाना: ₹202 करोड़ प्रत्येक
  • महाराष्ट्र: ₹195.14 करोड़ (नवी मुंबई)

लाभ और संभावनाएँ

यह योजना देशभर के कारीगरों, बुनकरों, शिल्पकारों और सूक्ष्म उद्यमियों को शहरी बाजारों में स्थायी मंच प्रदान करेगी। इससे न केवल ODOP और GI उत्पादों की बिक्री में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय उद्यमिता को भी बढ़ावा मिलेगा। यह पहल ‘वोकल फॉर लोकल’ और आत्मनिर्भर भारत अभियान की भावना को सशक्त करती है।

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