एकरात्रि मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर, कृष्णा, आंध्र प्रदेश

स्थान: मछलीपट्टनम, कृष्णा।
देवता: भगवान शिव

मछलीपट्टनम, यह नाम मछली के आँखों से सजाए गए शहर के प्रवेश द्वार के निर्माण से लिया गया । 14 वीं शताब्दी में व्यापारिक अरबों द्वारा स्थापित किया गया था, जिन्होंने लाल सागर से दक्षिणी भारत तक इस स्थान तक अपना रास्ता पाया। मछलीपट्टनम एक फलता-फूलता बंदरगाह था।

शिव का मंदिर मछलीपट्टनम से 36 किमी दूर स्थित है। यहां भगवान शिव को एकरात्रि मल्लिकार्जुनस्वामी कहा जाता है। तट के आगे अमरावती, समालकोट, भीमावरम, द्रक्षरामा और चेबरोलु में भगवान शिव को समर्पित पांच मंदिर हैं। ऐतिहासिक शहर देवदासी नृत्य का उद्गम स्थल है। इस क्षेत्र को सौ और आठ दिव्य तिरुपथियों में से एक माना जाता है। वैष्णव देवता की अभूतपूर्व लोकप्रियता के कारण – श्रीकाकुलेन्द्रस्वामी, सायतन देवता का महात्म्य थोड़ा अस्पष्ट है; फिर भी इस मंदिर ने एक महान शिव यत्रस्थला के रूप में पहचान बनाई।

त्यौहार: देवता के जुलूस में निकाले जाने पर इस मंदिर में एक एकरा मल्लिकार्जुनस्वामी ब्रह्मोत्सव वार्षिक उत्सव मनाया जाता है। तत्पश्चात गंगा और पार्वती द्वारा दोनों ओर से प्रवाहित की गई शिव की उत्सवमूर्ति को अन्य देवता की महिमा का वर्णन करते हुए जुलूस निकाला जाता है। मंदिर को दुर्लभ मूर्तिकला अलंकरणों से सुशोभित किया गया है।

Originally written on March 18, 2019 and last modified on March 18, 2019.

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