उल्ची फ्रीडम शील्ड सैन्य अभ्यास शुरू: कोरियाई प्रायद्वीप पर फिर से बढ़ा तनाव

दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने परमाणु हथियारों से लैस उत्तर कोरिया के खतरों से निपटने की तैयारी के तहत अपना वार्षिक संयुक्त सैन्य अभ्यास उल्ची फ्रीडम शील्ड शुरू कर दिया है। यह 11-दिवसीय अभ्यास 19 अगस्त से 28 अगस्त 2025 तक चलेगा और इसमें 21,000 सैनिक भाग ले रहे हैं, जिनमें 18,000 दक्षिण कोरियाई और शेष अमेरिकी सैनिक हैं।
अभ्यास की प्रकृति और उत्तर कोरिया की प्रतिक्रिया
यह अभ्यास कंप्यूटर-आधारित कमांड पोस्ट संचालन और वास्तविक क्षेत्र प्रशिक्षण का सम्मिलित रूप है। अमेरिका और दक्षिण कोरिया इस अभ्यास को “रक्षात्मक” बताते हैं, जबकि उत्तर कोरिया इसे आक्रमण की तैयारी मानता है। उत्तर कोरिया ने चेतावनी दी है कि यदि उसकी सीमाओं के खिलाफ कोई उकसावे की कार्रवाई हुई तो वह सख्ती से जवाब देगा।
उत्तर कोरिया के रक्षा मंत्री नो क्वांग चोल ने कहा कि यह अभ्यास सहयोगी देशों की “सैन्य टकराव की मानसिकता” को दर्शाता है और उत्तर कोरियाई सेना किसी भी सीमा पार उकसावे का जवाब देने के लिए तैयार है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- उल्ची फ्रीडम शील्ड दक्षिण कोरिया में साल में दो बार होने वाले बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यासों में से एक है। पहला मार्च में और दूसरा अगस्त में होता है।
- यह राष्ट्रपति ली जे म्योंग के कार्यभार संभालने के बाद पहला संयुक्त सैन्य अभ्यास है।
- अभ्यास में परमाणु, मिसाइल, ड्रोन जैसे संभावित खतरों से निपटने की रणनीतियाँ शामिल हैं।
- लगभग 40 निर्धारित फील्ड प्रशिक्षणों में से आधे को सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया है, मुख्यतः गर्मी और उत्तर कोरिया के प्रति रुख को ध्यान में रखते हुए।
क्षेत्रीय राजनीति और अंतरराष्ट्रीय संदर्भ
यह अभ्यास उस समय हो रहा है जब दक्षिण कोरिया के नए उदारवादी राष्ट्रपति ली जे म्योंग 25 अगस्त को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ वाशिंगटन में शिखर सम्मेलन की तैयारी कर रहे हैं। यह आशंका जताई जा रही है कि ट्रंप दक्षिण कोरिया में अमेरिकी सैन्य उपस्थिति के लिए अधिक लागत की मांग कर सकते हैं या अपनी चीन-केंद्रित नीति के तहत इसे घटा भी सकते हैं।
दूसरी ओर, उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन रूस के साथ संबंध गहरा कर रहे हैं और अपने हथियार कार्यक्रम को तेज कर रहे हैं। उत्तर कोरिया की नेता किम यो जोंग ने पिछले सप्ताह एक बयान में दक्षिण कोरिया से किसी भी प्रकार की वार्ता को खारिज कर दिया।
यह सैन्य अभ्यास न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा संतुलन को प्रभावित करता है, बल्कि कोरियाई प्रायद्वीप में पहले से ही नाजुक स्थिति को और जटिल बना सकता है। ऐसे में अमेरिका और दक्षिण कोरिया की सैन्य चौकसी और निगरानी उत्तर कोरिया की गतिविधियों पर और तेज कर दी गई है।