उपभोक्ता विवाद निवारण में ऐतिहासिक प्रगति: ई-जागृति और जुलाई 2025 में 100% से अधिक निस्तारण दर

उपभोक्ता विवाद निवारण में ऐतिहासिक प्रगति: ई-जागृति और जुलाई 2025 में 100% से अधिक निस्तारण दर

भारत में उपभोक्ता शिकायत निवारण तंत्र ने जुलाई 2025 में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की, जब राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) समेत दस राज्यों ने 100 प्रतिशत से अधिक मामलों का निस्तारण दर दर्ज किया। यह उपलब्धि दर्शाती है कि इस अवधि में जितने नए मामले दर्ज हुए, उससे अधिक मामलों का समाधान किया गया।

जुलाई 2025 में रिकॉर्ड निस्तारण दर

उपभोक्ता मामलों के विभाग के अनुसार, NCDRC ने 122% निस्तारण दर प्राप्त की, जबकि कुछ राज्यों ने इसे और भी पीछे छोड़ दिया। उदाहरण के लिए:

  • तमिलनाडु: 277%
  • राजस्थान: 214%
  • तेलंगाना: 158%
  • हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड: 150% प्रत्येक
  • मेघालय: 140%
  • केरल: 122%
  • पुडुचेरी: 111%
  • छत्तीसगढ़: 108%
  • उत्तर प्रदेश: 101%

यह डेटा स्पष्ट करता है कि पूरे देश में उपभोक्ता मामलों के निस्तारण में तेज़ी आई है, विशेष रूप से वर्ष 2024 की तुलना में।

ई-जागृति: डिजिटल उपभोक्ता न्याय प्रणाली का नया युग

इस सफलता का बड़ा श्रेय “ई-जागृति” पोर्टल को भी जाता है, जिसे 1 जनवरी 2025 को उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा लॉन्च किया गया था। यह एक एकीकृत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है जो उपभोक्ता शिकायतों को पारदर्शी, सुलभ और कुशल तरीके से सुलझाने के लिए तैयार किया गया है।

मुख्य विशेषताएँ:

  • एकीकृत प्रणाली: ई-जागृति ने पुराने प्लेटफ़ॉर्म जैसे OCMS, e-Daakhil, NCDRC CMS और CONFONET को एक मंच पर समाहित कर दिया है।
  • विस्तृत पहुंच: देश के सभी 36 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इसमें शामिल हैं।
  • डिजिटल सेवाएं: ओटीपी आधारित पंजीकरण, ऑनलाइन केस फाइलिंग, फीस भुगतान, दस्तावेज़ जमा, वर्चुअल सुनवाई, रियल-टाइम एसएमएस और ईमेल अलर्ट।
  • समावेशिता: दृष्टिबाधित और वरिष्ठ नागरिकों के लिए वॉयस-टू-टेक्स्ट फीचर और मल्टी-लैंग्वेज सपोर्ट।
  • वकीलों और न्यायाधीशों के लिए विशेष मॉड्यूल: केस ट्रैकिंग, सुनवाई अलर्ट, डॉक्युमेंट अपलोड, बार काउंसिल सत्यापन, वर्चुअल कोर्टरूम, स्मार्ट कोर्ट कैलेंडर आदि।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • NCDRC की स्थापना: 1988 में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत।
  • मुख्यालय: नई दिल्ली।
  • न्याय क्षेत्र: दो करोड़ रुपये से अधिक मूल्य वाले मामलों की सुनवाई और राज्य आयोगों के आदेशों पर पुनरावलोकन।
  • ई-दाखिल पोर्टल: 7 सितंबर 2020 को लॉन्च किया गया, जो उपभोक्ताओं को ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने, केस फॉलो-अप, वीडियो सुनवाई जैसे डिजिटल विकल्प प्रदान करता है।
  • ई-जागृति पर रजिस्ट्रेशन: अगस्त 2025 तक दो लाख से अधिक उपयोगकर्ता पंजीकृत, जिनमें एनआरआई भी शामिल हैं।
Originally written on August 19, 2025 and last modified on August 19, 2025.

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