उत्तर प्रदेश में 110 मेगावाट सोलर प्रोजेक्ट: NLC इंडिया लिमिटेड की नवीकरणीय ऊर्जा में बड़ी पहल
एनएलसी इंडिया लिमिटेड (NLCIL), जो कोयला मंत्रालय के अंतर्गत एक नवरत्न सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम है, ने नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। कंपनी को नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NCRTC) से उत्तर प्रदेश में 110 मेगावाट की ग्रिड से जुड़ी सोलर फोटोवोल्टिक परियोजना स्थापित करने के लिए लेटर ऑफ एक्सेप्टेंस प्राप्त हुआ है।
परियोजना अनुमोदन और संस्थागत ढांचा
यह परियोजना NCRTC के सहयोग से विकसित की जाएगी, जो केंद्र सरकार और दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश की राज्य सरकारों की एक संयुक्त उपक्रम संस्था है। इस पहल का उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आस-पास के इलाकों में सतत अवसंरचना विकास को बढ़ावा देना है। यह परियोजना विभिन्न सरकारी एजेंसियों के आपसी समन्वय का उदाहरण प्रस्तुत करती है।
NCRTC की भूमिका और कार्यान्वयन योजना
इस परियोजना को NCRTC एक समर्पित संयुक्त उपक्रम कंपनी के माध्यम से लागू करेगी। इस कंपनी की जिम्मेदारी होगी कि वह सोलर प्लांट की स्थापना, कमीशनिंग, संचालन और रखरखाव सुनिश्चित करे। इस सौर ऊर्जा का मुख्य उपयोग NCRTC की क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट प्रणाली और संबंधित अवसंरचना को ऊर्जा आपूर्ति के रूप में किया जाएगा।
समयसीमा और ऊर्जा लक्ष्य
सौर ऊर्जा संयंत्र के निर्माण और संचालन का कार्य पावर परचेज एग्रीमेंट (PPA) पर हस्ताक्षर होने की तिथि से 24 महीनों के भीतर पूरा किया जाना है। यह पहल NCRTC की दीर्घकालिक रणनीति के अनुरूप है, जिसमें शहरी परिवहन और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में स्वच्छ ऊर्जा समाधानों का एकीकरण शामिल है। इससे पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता में कमी आएगी।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- एनएलसी इंडिया लिमिटेड कोयला मंत्रालय के अंतर्गत एक नवरत्न सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम है।
- यह सोलर परियोजना 110 मेगावाट क्षमता की होगी और ग्रिड से जुड़ी होगी।
- NCRTC केंद्र और चार राज्यों (दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश) का संयुक्त उपक्रम है।
- परियोजना को PPA हस्ताक्षर के 24 महीनों में पूरा किया जाना है।
नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार में महत्व
यह परियोजना न केवल NLCIL की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को सशक्त करती है, बल्कि भारत के स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण लक्ष्यों को भी समर्थन देती है। यह पहल यह भी दर्शाती है कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां किस प्रकार परिवहन और शहरी विकास जैसी रणनीतिक परियोजनाओं की ऊर्जा जरूरतों को पर्यावरण-अनुकूल समाधान से पूरा करने की दिशा में अग्रसर हैं।
उत्तर प्रदेश में इस सोलर परियोजना का विकास भारत की ऊर्जा विविधता और हरित भविष्य की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित होगा।