उत्तर प्रदेश में ‘गुड समैरिटन’ पहल: सड़क हादसे में मददगारों को मिलेगा ‘राह-वीर’ सम्मान और ₹25,000

उत्तर प्रदेश में ‘गुड समैरिटन’ पहल: सड़क हादसे में मददगारों को मिलेगा ‘राह-वीर’ सम्मान और ₹25,000

उत्तर प्रदेश सरकार ने सड़क दुर्घटना पीड़ितों को ‘गोल्डन ऑवर’ के भीतर अस्पताल पहुंचाने वाले नागरिकों को सम्मानित करने के लिए एक नई पहल शुरू की है। इस ‘गुड समैरिटन’ (Good Samaritan) योजना के तहत ऐसे व्यक्तियों को ‘राह-वीर’ (Raah-Veer) प्रमाणपत्र और ₹25,000 की नकद राशि प्रदान की जाएगी। यह निर्देश राज्य परिवहन आयुक्त किंजल सिंह द्वारा सोमवार को जारी किया गया और इसका उद्देश्य राज्य में सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों की संख्या को कम करना है।

क्या है ‘गोल्डन ऑवर’ और गुड समैरिटन?

गोल्डन ऑवर उस पहले घंटे को कहा जाता है, जब दुर्घटना के बाद पीड़ित को समय रहते चिकित्सा सहायता मिलने से उसकी जान बचाई जा सकती है। ‘गुड समैरिटन’ मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत वह व्यक्ति होता है जो निःस्वार्थ भाव से, किसी इनाम की उम्मीद के बिना, दुर्घटनास्थल पर प्राथमिक चिकित्सा या अस्पताल पहुंचाने में मदद करता है।

योजना की मुख्य बातें

  • राह-वीर प्रमाणपत्र और ₹25,000 का नकद पुरस्कार हर उस व्यक्ति को मिलेगा जो गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को समय रहते अस्पताल पहुंचाता है।
  • यदि एक व्यक्ति एक ही दुर्घटना में कई लोगों की मदद करता है, तो भी ₹25,000 की ही राशि दी जाएगी।
  • यदि कई लोग एक ही पीड़ित की मदद करते हैं, तो यह राशि समान रूप से बांटी जाएगी।
  • दुर्घटना की गंभीरता की पुष्टि के लिए न्यूनतम तीन दिन की अस्पताल में भर्ती, मस्तिष्क या रीढ़ की चोट, या उपचार के दौरान मृत्यु आवश्यक मापदंडों में शामिल हैं।
  • पुलिस द्वारा पुष्टि के बाद अस्पताल से विवरण लेकर एक प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा, जिसे ज़िला स्तर की मूल्यांकन समिति (डीएम की अध्यक्षता में) के पास भेजा जाएगा।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • 2023 में भारत में 1.6 लाख मौतें और 1.7 लाख सड़क दुर्घटनाएँ दर्ज की गईं।
  • उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 22,532 मौतें और 23,771 सड़क दुर्घटनाएँ हुईं, जो राष्ट्रीय आंकड़ों का लगभग 14% है।
  • यह योजना केंद्र सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा तैयार की गई है, जिसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के माध्यम से लागू किया जा रहा है।
  • योजना के तहत पुलिस और सीएमओ (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) द्वारा सत्यापन के बाद सम्मान और पुरस्कार दिया जाएगा।
Originally written on October 8, 2025 and last modified on October 8, 2025.

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