उत्तर प्रदेश ने पार किया 1 गीगावाट का रिकॉर्ड : आवासीय छतों पर सौर ऊर्जा का नया अध्याय

उत्तर प्रदेश ने पार किया 1 गीगावाट का रिकॉर्ड : आवासीय छतों पर सौर ऊर्जा का नया अध्याय

उत्तर प्रदेश ने प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत आवासीय छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। राज्य ने 1 गीगावाट (1,003.64 मेगावाट) क्षमता का आंकड़ा पार करते हुए गुजरात और महाराष्ट्र के बाद देश का तीसरा राज्य बनने का गौरव प्राप्त किया है। यह उपलब्धि न केवल ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि जनता की व्यापक भागीदारी और प्रभावी नीतिगत प्रोत्साहनों का परिणाम भी है।

तेज़ी से हुई स्थापना से मिला मील का पत्थर

राज्यभर में अब तक 2.90 लाख घरों पर सौर पैनल स्थापित किए जा चुके हैं, जिनसे लगभग 2.93 लाख परिवारों को सस्ती या निशुल्क बिजली मिल रही है। वित्त वर्ष 2024-25 में ही उत्तर प्रदेश ने लगभग 640 मेगावाट नई छत-सौर क्षमता जोड़ी, जो इस क्षेत्र में तेज़ी से बढ़ती स्वीकृति को दर्शाता है। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सौर ऊर्जा को अपनाने की दर लगातार बढ़ रही है।

वित्तीय सहयोग से बढ़ा अपनापन

उत्तर प्रदेश को योजना के तहत अब तक 9.7 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। केंद्र सरकार ने ₹1,999 करोड़ और राज्य सरकार ने लगभग ₹600 करोड़ की सब्सिडी प्रदान की है। उपभोक्ताओं को प्रति किलोवाट ₹15,000 तक और 3 किलोवाट प्रणाली पर कुल ₹1.08 लाख की सहायता दी जा रही है। इसके परिणामस्वरूप 3 किलोवाट संयंत्र का निवेश 20 महीनों में वसूल हो जाता है, जो राष्ट्रीय औसत (30 माह) और बिना सब्सिडी के (54 माह) की तुलना में कहीं अधिक लाभकारी है।

आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ

छतों पर सौर पैनल लगाने से लगभग 4,000 एकड़ भूमि की बचत हुई है, क्योंकि बड़े सौर पार्कों पर निर्भरता घट गई है। परिवारों को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिल रही है। ग्रामीण घरों को प्रतिमाह ₹800–₹1,500 और शहरी घरों को ₹1,500–₹2,500 तक की बचत हो रही है। इससे कृषि को दिन में भरोसेमंद बिजली मिल रही है और छोटे शहरी उद्यमों की उत्पादन लागत भी कम हुई है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • उत्तर प्रदेश की कुल आवासीय छत-सौर क्षमता 1,003.64 मेगावाट हो गई है।
  • यह गुजरात (1.82 गीगावाट) और महाराष्ट्र (1.32 गीगावाट) के बाद तीसरा राज्य है जिसने 1 गीगावाट पार किया।
  • 3 किलोवाट प्रणाली पर ₹1.08 लाख की सब्सिडी और 20 माह का पेबैक पीरियड है।
  • प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत 9.7 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं।

रोजगार और स्थानीय बाजार में नई ऊर्जा

इस योजना के चलते राज्य में पंजीकृत विक्रेताओं की संख्या 81 से बढ़कर 4,200 हो गई है और इससे लगभग 50,000 नए रोजगार सृजित हुए हैं। तकनीकी, स्थापना और सेवा क्षेत्रों में तेजी से विस्तार हो रहा है। उत्तर प्रदेश का यह छत-सौर मॉडल अब स्वच्छ ऊर्जा, आर्थिक सशक्तिकरण और जमीनी स्तर पर ऊर्जा संक्रमण का राष्ट्रीय उदाहरण बन गया है।

Originally written on December 2, 2025 and last modified on December 2, 2025.

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