उत्तर कोरिया ने दागी दो रणनीतिक क्रूज़ मिसाइलें: बढ़ती परमाणु तैयारी का संकेत
उत्तर कोरिया ने 28 दिसंबर को पीला सागर (Yellow Sea) में दो रणनीतिक लंबी दूरी की क्रूज़ मिसाइलों का परीक्षण कर एक बार फिर अपनी बढ़ती सैन्य तैयारी और परमाणु शक्ति के विस्तार की नीति को प्रदर्शित किया है। 29 दिसंबर को राज्य मीडिया द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार यह परीक्षण उत्तर कोरिया की “सतत युद्ध तत्परता” का हिस्सा बताया गया।
मिसाइल परीक्षण का विवरण
उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए (KCNA) के अनुसार, दोनों क्रूज़ मिसाइलें पश्चिमी समुद्री क्षेत्र में उड़ान भरने के बाद सटीकता से अपने लक्ष्यों पर जाकर गिरीं। उड़ान अवधि दो घंटे से अधिक रही, जो इन मिसाइलों की लंबी दूरी और तकनीकी दक्षता को दर्शाता है। केसीएनए द्वारा जारी तस्वीरों में मिसाइलों को उड़ान और लक्ष्य पर प्रहार करते हुए दिखाया गया।
दक्षिण कोरिया के जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने पुष्टि की कि मिसाइलें सुबह लगभग 8 बजे सूनान क्षेत्र (प्योंगयांग के पास) से छोड़ी गईं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उत्तर कोरिया ने हाल के वर्षों में अपने मिसाइल परीक्षणों की आवृत्ति और तकनीकी जटिलता को काफी बढ़ा दिया है।
नेतृत्व की निगरानी और रणनीतिक उद्देश्य
इस परीक्षण की निगरानी उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने स्वयं की। उन्होंने इसे देश की परमाणु युद्ध क्षमता के “असीम और स्थायी” विकास की दिशा में एक जरूरी कदम बताया। यह परीक्षण उत्तर कोरिया की लंबी दूरी की मिसाइल उप-इकाइयों की जवाबी हमले की क्षमता और युद्ध कौशल का आकलन करने के उद्देश्य से किया गया था।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- क्रूज़ मिसाइलें बैलिस्टिक मिसाइलों की तुलना में कम ऊँचाई पर उड़ती हैं, जिससे इनकी रडार से पहचान मुश्किल होती है।
- पीला सागर (Yellow Sea) कोरियाई प्रायद्वीप और चीन के बीच स्थित है।
- उत्तर कोरिया अपने क्रूज़ मिसाइल परीक्षणों को रक्षात्मक प्रकृति का बताता है।
- रणनीतिक क्रूज़ मिसाइलें परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हो सकती हैं।
व्यापक सुरक्षा प्रभाव
यह परीक्षण नवंबर की शुरुआत में हुए उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण के बाद हुआ है और यह रूस के साथ बढ़ते सैन्य सहयोग की पृष्ठभूमि में आया है। विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर कोरिया इन परीक्षणों के माध्यम से न केवल अपनी सटीकता और परमाणु क्षमताओं को बेहतर बनाना चाहता है, बल्कि क्षेत्रीय विरोधियों को रोकने और संभावित रूप से उन्नत हथियार प्रणाली निर्यातक के रूप में खुद को स्थापित करने की दिशा में भी प्रयास कर रहा है।
इस प्रकार, उत्तर कोरिया की ये सैन्य गतिविधियाँ उत्तर-पूर्वी एशिया की सुरक्षा स्थिति को और भी जटिल बना रही हैं, जहां पहले से ही भू-राजनीतिक तनाव चरम पर है।