उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र में राष्ट्रपति मुर्मू का संबोधन

उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र में राष्ट्रपति मुर्मू का संबोधन

उत्तराखंड राज्य की रजत जयंती के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देहरादून स्थित विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने मानव विकास संकेतकों में सुधार, शिक्षा दर में वृद्धि, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में गिरावट, महिला सशक्तिकरण और विधायी पारदर्शिता जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं की सराहना की। यह सत्र राज्य की 25 वर्षों की यात्रा को सम्मानित करने और भावी दिशा को रेखांकित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।

मानव विकास संकेतकों पर विशेष बल

राष्ट्रपति ने कहा कि राज्य की समग्र विकास नीति के चलते मानव विकास सूचकांकों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। उन्होंने बढ़ती साक्षरता दर, घटती मातृ मृत्यु और शिशु मृत्यु दर का उल्लेख करते हुए स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और समावेशी पहुंच को इसका आधार बताया। राष्ट्रपति ने सभी हितधारकों से आग्रह किया कि इस प्रगति को बनाए रखते हुए पहाड़ी क्षेत्रों और विभिन्न जिलों में सामाजिक अवसरों की समानता सुनिश्चित की जाए।

महिला नेतृत्व और प्रतिनिधित्व

राष्ट्रपति ने उत्तराखंड विधानसभा द्वारा ऋतु खंडूरी भूषण को पहली महिला अध्यक्ष नियुक्त करने के निर्णय की सराहना की। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण केवल नीतिगत घोषणाओं तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसका प्रभाव नेतृत्व की भूमिका, श्रमशक्ति में भागीदारी और स्थानीय स्वशासन संस्थाओं में महिलाओं की भागीदारी में भी दिखना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में महिला विधायकों की संख्या में भी वृद्धि होगी।

समान नागरिक संहिता और विधायी उपलब्धियाँ

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) को लागू किए जाने की राष्ट्रपति ने विशेष रूप से प्रशंसा की और इसे संविधान के अनुच्छेद 44 के निर्देश सिद्धांतों से जोड़कर देखा। उन्होंने कहा कि यह सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में एक सशक्त कदम है। साथ ही उन्होंने राज्य विधानसभा द्वारा अब तक पारित किए गए 550 से अधिक विधेयकों की भी सराहना की। इनमें उत्तराखंड लोकायुक्त विधेयक, जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार विधेयक, और एंटी-चीटिंग विधेयक जैसे प्रावधान पारदर्शिता और नैतिक शासन के प्रतीक हैं।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • कार्यक्रम: उत्तराखंड की रजत जयंती के अवसर पर 3 नवंबर 2025 को विशेष सत्र में राष्ट्रपति का संबोधन।
  • मुख्य बिंदु: मानव विकास संकेतकों में सुधार, साक्षरता में वृद्धि, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में गिरावट।
  • शासन उपलब्धि: उत्तराखंड विधानसभा ने राज्य की पहली महिला अध्यक्ष—ऋतु खंडूरी भूषण—को नियुक्त किया।
  • नीतिगत पहल: राज्य स्तर पर समान नागरिक संहिता लागू, अनुच्छेद 44 के तहत निर्देश सिद्धांतों से प्रेरित।

रजत जयंती समारोह और अन्य कार्यक्रम

राष्ट्रपति मुर्मू के उत्तराखंड दौरे में नैनीताल भी शामिल रहा, जहां उन्होंने राजभवन की 125वीं वर्षगांठ मनाई, कैंची धाम स्थित नीम करौली बाबा आश्रम में दर्शन किए और कुमाऊँ विश्वविद्यालय के 20वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की। इस अवसर पर राज्यपाल गुरमीत सिंह ने उत्तराखंड की 25 वर्षों की उपलब्धियों—समृद्धि, शासन, सामाजिक न्याय और आधारभूत संरचना—को रेखांकित किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रपति का आभार जताते हुए राज्य आंदोलनकारियों के योगदान को भी याद किया, विशेषकर राज्य के 9 नवंबर को आने वाले स्थापना दिवस के संदर्भ में।

Originally written on November 3, 2025 and last modified on November 3, 2025.

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