ई-नाम प्लेटफॉर्म पर 9 नई कृषि उपज शामिल, कुल संख्या हुई 247

भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM) की पहुंच और प्रभाव को और अधिक मजबूत करते हुए इसमें 9 नई कृषि उपजों को शामिल किया है। इस महत्वपूर्ण निर्णय के साथ अब इस डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कुल 247 कृषि उपजों की खरीद-बिक्री संभव हो सकेगी। यह कदम किसानों, व्यापारियों और अन्य हितधारकों की निरंतर मांग के मद्देनज़र उठाया गया है ताकि अधिक कृषि उत्पादों की ऑनलाइन व्यापार सुविधा मिल सके और देशभर के बाजार आपस में बेहतर ढंग से जुड़ सकें।
ई-नाम में जोड़ी गईं 9 नई उपजें
नवीनतम विस्तार के तहत जिन 9 कृषि उत्पादों को e-NAM प्लेटफॉर्म पर जोड़ा गया है, वे हैं:
- ग्रीन टी
- चाय
- अश्वगंधा की सूखी जड़ें
- सरसों का तेल
- लैवेंडर तेल
- मेंथा तेल
- वर्जिन ऑलिव ऑयल
- लैवेंडर के सूखे फूल
- टूटे हुए चावल (ब्रोकन राइस)
इन उपजों के लिए व्यापार योग्य मापदंड (tradable parameters) तय किए गए हैं, जो किसानों को उनके उत्पाद की गुणवत्ता के आधार पर सही दाम दिलाने में मदद करेंगे।
किसानों के लिए कैसे फायदेमंद है यह कदम
इस पहल से देश के लाखों किसानों को एक पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी डिजिटल प्लेटफॉर्म मिलेगा, जहां वे सीधे खरीदारों से जुड़कर उचित मूल्य पा सकेंगे। व्यापार योग्य मापदंड गुणवत्ता के आधार पर कीमत निर्धारित करने में सहायक होते हैं, जिससे किसानों को बिचौलियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। यह न केवल किसानों की सौदेबाज़ी की ताकत को बढ़ाता है, बल्कि उन्हें बेहतर आर्थिक सुरक्षा भी प्रदान करता है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- ई-नाम (e-NAM) की शुरुआत 2016 में हुई थी, जिसका उद्देश्य कृषि बाजारों को एकीकृत कर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाना है।
- वर्तमान में e-NAM से देशभर के 1000 से अधिक एपीएमसी (APMC) मंडियां जुड़ी हुई हैं।
- DMI (डायरेक्टरेट ऑफ मार्केटिंग एंड इंस्पेक्शन) कृषि विपणन में गुणवत्ता और मानकीकरण सुनिश्चित करने वाली प्रमुख संस्था है।
- SFAC (स्मॉल फार्मर्स एग्रिबिजनेस कंसोर्टियम) किसानों को विपणन से जोड़ने और ई-नाम के कार्यान्वयन में मुख्य भूमिका निभाता है।