ई-कॉमर्स पर वॉकी-टॉकी की अवैध बिक्री पर केंद्र सरकार सख्त: उपभोक्ता सुरक्षा प्राधिकरण ने जारी की नई गाइडलाइंस

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने 2025 में रेडियो उपकरणों, विशेषकर वॉकी-टॉकी, की अवैध लिस्टिंग और बिक्री को रोकने के लिए दिशानिर्देश अधिसूचित किए हैं। ये दिशा-निर्देश उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने, गलत सूचना को रोकने, और कानून प्रवर्तन तथा आपातकालीन सेवाओं की संचार प्रणालियों में हस्तक्षेप को रोकने के उद्देश्य से बनाए गए हैं।

गाइडलाइंस की प्रमुख विशेषताएं

  • अधिकृत और अनुमति प्राप्त डिवाइसेज ही बिकेंगी: केवल उन्हीं वॉकी-टॉकी डिवाइसेज को ऑनलाइन बेचा जा सकेगा जो अनुमत फ्रीक्वेंसी पर काम करती हैं और नियामकीय स्वीकृति प्राप्त हैं।
  • उत्पाद विवरण में स्पष्टता अनिवार्य: प्रत्येक लिस्टिंग में फ्रीक्वेंसी रेंज, तकनीकी विवरण, और उपकरण प्रकार की स्वीकृति (ETA) से संबंधित प्रमाण प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
  • ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की जिम्मेदारी: प्लेटफॉर्म को विक्रेता की प्रमाणिकता की जांच करनी होगी, साथ ही यह सुनिश्चित करना होगा कि लिस्टिंग में सभी कानूनी जानकारी हो। जिन उत्पादों में फ्रीक्वेंसी या आवश्यक प्रमाणपत्र का विवरण नहीं होगा, उन्हें हटा दिया जाएगा।
  • भ्रामक विज्ञापन पर प्रतिबंध: ऐसे विज्ञापन या विवरण जिनसे उपभोक्ता यह समझें कि डिवाइस बिना अनुमति उपयोग किए जा सकते हैं, उन्हें प्रतिबंधित किया गया है।
  • गैर-आवंटित फ्रीक्वेंसी पर संचालन वर्जित: ऐसे उपकरण जो उन फ्रीक्वेंसी बैंड पर संचालित होते हैं जिन्हें डॉट (DoT) की अनुमति प्राप्त नहीं है, उन्हें बेचना प्रतिबंधित किया गया है।
  • उल्लंघन पर दंड: उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अंतर्गत उल्लंघन करने वाले विक्रेताओं और प्लेटफॉर्म पर कार्रवाई की जाएगी।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 और वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम, 1933: भारत में रेडियो उपकरणों के संचालन से संबंधित प्रमुख कानून हैं।
  • ETA (Equipment Type Approval): भारत में किसी भी वायरलेस डिवाइस को इस्तेमाल या बिक्री से पहले नियामक स्वीकृति प्राप्त करनी होती है।
  • लघुशक्ति रेडियो उपकरण छूट नियम, 2018: कुछ विशेष कम शक्ति वाले रेडियो उपकरणों को लाइसेंस से छूट दी गई है, किन्तु यह छूट सीमित फ्रीक्वेंसी रेंज और तकनीकी मानकों के अधीन होती है।
  • CCPA की कार्रवाई: अब तक 13 नोटिस जारी कर 16,970 अवैध लिस्टिंग के विरुद्ध कार्रवाई की जा चुकी है।
  • उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019: यह अधिनियम उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करता है और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर भी लागू होता है।

इन दिशानिर्देशों से उपभोक्ता हितों की सुरक्षा को नई मजबूती मिलेगी और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर तकनीकी और कानूनी रूप से गैर-अनुमोदित उत्पादों की बिक्री पर रोक लगेगी। इससे डिजिटल बाज़ारों में पारदर्शिता बढ़ेगी और उपभोक्ताओं को सुरक्षित खरीदारी का अनुभव प्राप्त होगा।

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