ईरान ने ‘सस्टेनेबल पावर 1404’ सैन्य अभ्यास के जरिए दिखाई समुद्री शक्ति

ईरान ने इज़राइल के साथ 12 दिन चले युद्ध के बाद अपना पहला प्रमुख सैन्य अभ्यास ‘सस्टेनेबल पावर 1404’ नाम से गुरुवार को शुरू किया। यह अभ्यास ओमान की खाड़ी और उत्तरी हिंद महासागर में किया गया, जिसमें ईरानी नौसेना ने मिसाइलें दागकर अपनी सामरिक क्षमताओं का प्रदर्शन किया। यह कवायद ऐसे समय पर हुई है जब तेहरान हालिया युद्ध में हुई सैन्य क्षति के बाद अपनी शक्ति और तैयारियों को प्रदर्शित करने की कोशिश कर रहा है।

सैन्य अभ्यास के उद्देश्य और प्रमुख पहलू

‘सस्टेनेबल पावर 1404’ अभ्यास केवल एक नियमित नौसैनिक कवायद नहीं, बल्कि ईरान की रणनीतिक स्थिति को मज़बूत करने का एक स्पष्ट संकेत है।

  • रणनीतिक उद्देश्य:

    • युद्ध के बाद की सैन्य क्षमताओं को पुनः स्थापित करना
    • समन्वय और मुकाबला तत्परता को बढ़ाना
    • क्षेत्रीय प्रतिरोधक क्षमता को प्रदर्शित करना
  • शामिल सैन्य इकाइयाँ:

    • सतह और पनडुब्बी युद्धपोत
    • वायु इकाइयाँ और मिसाइल रक्षा प्रणालियाँ
    • इलेक्ट्रॉनिक युद्ध ब्रिगेड्स
  • मिसाइल तैनाती:

    • IRIS सबलान फ्रिगेट और IRIS गनावेह जहाज़ों ने ‘नासिर’ और ‘क़ादिर’ क्रूज़ मिसाइलें दागीं।
    • इन मिसाइलों ने समुद्र में लक्ष्यों को सटीकता से भेदा, जिससे ईरान की लंबी दूरी की मारक क्षमता उजागर हुई।

क्षेत्रीय संदर्भ और भू-राजनीतिक संदेश

ईरान का यह अभ्यास केवल आंतरिक सैन्य मनोबल के लिए नहीं, बल्कि एक वैश्विक संदेश भी है। विश्लेषकों के अनुसार:

  • इज़राइल को प्रतिउत्तर: यह अभ्यास उन इज़राइली सैन्य अभ्यासों के प्रतिउत्तर के रूप में देखा जा रहा है, जिनमें ईरानी परमाणु ठिकानों पर हमले की रणनीति तैयार की गई थी।
  • सैन्य लचीलापन दिखाना: जून 2025 के युद्ध में ईरान के एयर डिफेंस और मिसाइल ठिकानों को नुकसान पहुँचा था। इस अभ्यास के माध्यम से ईरान ने यह संकेत दिया है कि वह अब भी सक्षम और प्रतिशोध के लिए तैयार है।
  • अमेरिकी हितों को चेतावनी: युद्ध के दौरान ईरान ने इज़राइल के शहरों पर हमले के साथ-साथ क़तर में स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर भी मिसाइल हमले का प्रयास किया था, जो इस क्षेत्रीय तनाव का वैश्विक आयाम दर्शाता है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • ‘सस्टेनेबल पावर 1404’ ईरान का पहला प्रमुख सैन्य अभ्यास है जो इज़राइल-ईरान युद्ध (जून 2025) के बाद हुआ।
  • इस अभ्यास में ‘नासिर’ और ‘क़ादिर’ क्रूज़ मिसाइलों का प्रयोग किया गया, जो लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम हैं।
  • ईरानी नौसेना में लगभग 18,000 सैनिक हैं और इसकी क्षमताओं में सतही और पनडुब्बी युद्धपोत, वायु रक्षा और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध शामिल हैं।
  • ईरान और इज़राइल के बीच हुए 12 दिवसीय युद्ध में इज़राइल ने ईरान के परमाणु और मिसाइल ठिकानों पर हमला किया था।

ईरान का यह सैन्य अभ्यास न केवल उसकी युद्ध तत्परता और सैन्य क्षमता को प्रदर्शित करता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि क्षेत्रीय संतुलन में ईरान एक सशक्त समुद्री शक्ति के रूप में अपनी उपस्थिति को मजबूती से बनाए रखना चाहता है।

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