ईरान-इज़राइल संघर्ष में अमेरिका की भूमिका और फोर्दो यूरेनियम संयंत्र का महत्व

ईरान-इज़राइल संघर्ष में अमेरिका की भूमिका और फोर्दो यूरेनियम संयंत्र का महत्व

ईरान और इज़राइल के बीच जारी संघर्ष अपने आठवें दिन में प्रवेश कर चुका है और अब यह टकराव वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है। संघर्ष का केंद्र अब ईरान का भूमिगत यूरेनियम संवर्धन संयंत्र “फोर्दो” बन गया है, जहां 60 प्रतिशत संवर्धित यूरेनियम का उत्पादन हो रहा है — जो हथियार-ग्रेड 90 प्रतिशत से महज एक कदम दूर है।

फोर्दो संयंत्र: एक अटल किला

फोर्दो संयंत्र तेहरान से लगभग 95 किलोमीटर दूर पहाड़ के अंदर 260 से 300 फीट की गहराई में स्थित है, जिससे इसे पारंपरिक हवाई हमलों से क्षतिग्रस्त करना लगभग असंभव हो जाता है। यही कारण है कि इज़राइली हमलों में जब अन्य परमाणु ठिकानों को नुकसान हुआ, तब भी यह संयंत्र सुरक्षित रहा।

अमेरिका की भूमिका और संभावित हस्तक्षेप

विशेषज्ञों के अनुसार, इस संयंत्र को पूरी तरह नष्ट करने के लिए केवल अमेरिका के पास सक्षम हथियार है — GBU-57 A/B Massive Ordnance Penetrator, जिसे B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर द्वारा छोड़ा जा सकता है। यह बम 30,000 पाउंड वजनी है और 200 फीट तक ज़मीन या कंक्रीट में घुसकर विस्फोट कर सकता है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • GBU-57 A/B: 30,000 पाउंड वजनी ‘बंकर बस्टर’ जो 200 फीट तक ज़मीन में घुस सकता है।
  • फोर्दो संयंत्र: 2007 में निर्माण शुरू हुआ, 2009 में अंतरराष्ट्रीय खुलासा हुआ।
  • IAEA निरीक्षण 2023: 83.7% संवर्धित यूरेनियम के कण पाए गए थे।
  • JCPOA समझौता: 2015 में हुआ, लेकिन 2018 में अमेरिका ने इससे खुद को अलग कर लिया।

परमाणु कार्यक्रम पर वैश्विक प्रतिक्रिया

IAEA द्वारा हालिया निरीक्षणों में ईरान पर तीन स्थानों पर गुप्त परमाणु गतिविधियों का आरोप लगाया गया है, जिससे यूरोपीय देशों की चिंता भी बढ़ गई है। इसके तुरंत बाद इज़राइल ने ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ के तहत ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर व्यापक हमले किए, जिनमें नातांज, इस्फहान, अराक और तेहरान शामिल हैं।

बढ़ता युद्ध और मृत्युदर

अब तक ईरान में 220 से अधिक और इज़राइल में 24 लोगों की मौत हो चुकी है। दोनों देशों ने मिसाइलों और ड्रोन से एक-दूसरे के ठिकानों को निशाना बनाया है, जिससे संघर्ष और अधिक तीव्र हो गया है।

क्या अमेरिका युद्ध में उतरेगा?

फोर्दो का सुरक्षित रहना अमेरिका की सैन्य कार्रवाई के लिए निर्णायक बन गया है। अगर अमेरिका हस्तक्षेप नहीं करता, तो इज़राइल को ज़मीनी अभियान की शुरुआत करनी पड़ सकती है, जिससे संघर्ष लंबा और अधिक विनाशकारी हो सकता है। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका ने हमले की योजना तो तैयार कर ली है, लेकिन अंतिम आदेश अभी रोका गया है।

निष्कर्ष

फोर्दो यूरेनियम संयंत्र इस पूरे टकराव का केंद्रबिंदु बन चुका है। यदि अमेरिका कार्रवाई करता है, तो यह संघर्ष एक वैश्विक युद्ध में बदल सकता है। यदि वह पीछे हटता है, तो यह इज़राइल के लिए अकेली लड़ाई बन जाएगी। दोनों ही स्थितियाँ अत्यंत संवेदनशील हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक नई सुरक्षा चुनौती पेश करती हैं।

Originally written on June 21, 2025 and last modified on June 21, 2025.

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