इस्रायल की हवाई हमले में हिज़्बुल्लाह प्रमुख हायथम अली तबातबाई की मौत, तनाव फिर भड़का
बेयरूत के दक्षिणी उपनगरों में इस्रायली हवाई हमले में हिज़्बुल्लाह के चीफ ऑफ स्टाफ हायथम अली तबातबाई की मौत के बाद इस्रायल-लेबनान सीमा पर तनाव फिर से बढ़ गया है। लगभग एक वर्ष पहले हुए संघर्षविराम के बाद यह सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है, जिसने क्षेत्र में शांति की स्थिरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बेयरूत के दक्षिणी इलाके पर निशाना
हमला जिस इमारत पर हुआ, वह घनी आबादी वाले उस क्षेत्र में स्थित है जिसे लंबे समय से हिज़्बुल्लाह का गढ़ माना जाता है। लेबनानी अधिकारियों के अनुसार, इस हमले में कम से कम पाँच लोगों की मौत हुई और दो दर्जन से अधिक घायल हुए। संघर्षविराम के बाद यह पहला अवसर है जब किसी वरिष्ठ हिज़्बुल्लाह नेता की हत्या हुई है, जिससे यह संकेत मिलता है कि इस्रायल ने अपनी लक्षित रणनीति को और आक्रामक बना लिया है।
हिज़्बुल्लाह की सैन्य संरचना में तबातबाई की भूमिका
1968 में एक ईरानी पिता और लेबनानी माता के घर जन्मे हायथम अली तबातबाई हिज़्बुल्लाह की दूसरी पीढ़ी के नेताओं में शामिल थे। उन्होंने 1980 के दशक में संगठन से जुड़कर धीरे-धीरे ऊँचे पदों तक पहुँच बनाई। 2023-24 के संघर्ष के दौरान वरिष्ठ कमांडरों के मारे जाने के बाद वे संगठन के प्रमुख सैन्य संचालन के प्रभारी बने। युद्धविराम के बाद उन्हें चीफ ऑफ स्टाफ का पद दिया गया, जहाँ उनकी जिम्मेदारी थी संगठन की सैन्य क्षमता को पुनर्गठित करना और नई रणनीतियाँ तैयार करना।
क्षेत्रीय अभियानों और अंतरराष्ट्रीय निगरानी में भूमिका
तबातबाई ने हिज़्बुल्लाह की सीरिया और यमन में तैनात विशेष इकाइयों की निगरानी की। वे संगठन के “यमन फाइल” के प्रमुख रहे और 2025 के मध्य में कमांडर फुआद शुकर की मौत के बाद लेबनान लौट आए। उन्हें ईरान समर्थित सशस्त्र नेटवर्क के केंद्रीय पात्र के रूप में देखा जाता था। अमेरिका ने उन्हें 2016 में आतंकवादी घोषित किया और उनके बारे में जानकारी देने पर 5 मिलियन अमेरिकी डॉलर का इनाम घोषित किया था।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- हायथम अली तबातबाई का जन्म 1968 में लेबनान में हुआ था।
- वे 2023–24 के युद्ध के बाद हिज़्बुल्लाह के चीफ ऑफ स्टाफ बने।
- अमेरिका ने 2016 में उन्हें आतंकवादी घोषित किया और 5 मिलियन डॉलर का इनाम रखा।
- उन्होंने सीरिया और यमन में हिज़्बुल्लाह अभियानों की निगरानी की।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और संभावित असर
लेबनान सरकार ने इस हमले को संघर्षविराम की शर्तों का उल्लंघन बताया है। हिज़्बुल्लाह ने कहा है कि वह “उचित प्रतिक्रिया” का आकलन कर रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना लेबनान में व्यापक हिंसा को जन्म दे सकती है, खासकर ऐसे समय में जब बेयरूत पोप के आगामी दौरे की तैयारी कर रहा है। हाल के दिनों में सिडन में हुए एक अन्य इस्रायली हमले के बाद यह घटना क्षेत्रीय शांति के लिए नई चुनौती बनकर सामने आई है।