इसरो पूर्वोत्तर में विकास परियोजनाओं में सहायता करेगा

इसरो पूर्वोत्तर में विकास परियोजनाओं में सहायता करेगा

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के अनुसार, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के माध्यम से पूर्वोत्तर में विकास परियोजनाओं की सहायता करेगा।

मुख्य बिंदु

  • इसरो सैटेलाइट इमेजिंग और अन्य अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के उत्तम उपयोग की पेशकश करेगा।
  • इन एप्लीकेशन्स का उपयोग भारत के उत्तर पूर्वी क्षेत्र के सभी आठ राज्यों में ढांचागत परियोजनाओं के बेहतर कार्यान्वयन के लिए किया जाएगा।
  • पूर्वोत्तर के 8 राज्यों में से 6 पहले ही इसरो को अपने विशिष्ट प्रस्ताव भेज चुके हैं।
  • सिक्किम और असम जल्द ही अपने प्रस्ताव भेजेंगे।
  • इसरो की भागीदारी देश में अपनी तरह की पहली परियोजना होगी, जहां विकास परियोजनाओं के लिए डेटा मैप और साझा करने के लिए इसरो की संस्थागत भागीदारी है।

इसरो की मौजूदा परियोजनाएं

इसरो 8 पूर्वोत्तर राज्यों में 221 स्थलों पर 67 परियोजनाओं की निगरानी और जियो-टैगिंग कर रहा है। सभी परियोजनाओं को मंत्रालय या उत्तर पूर्वी परिषद (North Eastern Council) द्वारा वित्त पोषित किया जाता है।

उत्तर पूर्वी परिषद (North Eastern Council – NEC)

NEC का गठन पूर्वोत्तर परिषद अधिनियम 1971 के माध्यम से किया गया था, यह एक वैधानिक सलाहकार निकाय है। यह 7 नवंबर, 1972 को शिलांग में अस्तित्व में आया था। आठ उत्तर-पूर्वी राज्य, असम, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा, नागालैंड और सिक्किम इस परिषद के सदस्य हैं। इस परिषद का प्रतिनिधित्व इन सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों द्वारा किया जाता है। सिक्किम को 2002 में NEC में जोड़ा गया था। NEC पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (DONER)) के तहत कार्य करता है।

Originally written on June 10, 2021 and last modified on June 10, 2021.

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