इसरो पुन: प्रयोज्य (reusable) GSLV Mk-III लॉन्च व्हीकल विकसित करेगा
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) पुन: प्रयोज्य (reusable) GSLV Mk-III लॉन्च वाहन विकसित करने के लिए प्रौद्योगिकियों पर काम कर रहा है।
मुख्य बिंदु
- यह नई तकनीक ISRO को अपने GSLV Mk-III लॉन्च वाहनों को लंबवत रूप से उतारने (vertical landing) में मदद करेगी।
 - इस तकनीक के साथ, इसरो लांच व्हीकल के पहले और दूसरे चरण को भी रिकवर करना चाहता है।
 - पुन: प्रयोज्य (reusable) GSLV Mk-III लॉन्च वाहन के विकास से इसरो को पैसे बचाने में भी मदद मिलेगी।
 
GSLV Mk-III
चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान के लांच व्हीकल के रूप में चुना गया यह प्रक्षेपण यान तीन चरणों वाला हैवी लिफ्ट लांच व्हीकल है। इसे इसरो ने विकसित किया है। इसमें दो सॉलिड स्ट्रैप-ऑन, एक कोर लिक्विड बूस्टर और एक क्रायोजेनिक अपर स्टेज शामिल है। इसे 4-टन उपग्रहों को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) और 10 टन के उपग्रह को लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। GSLV Mk III की पहली विकासात्मक उड़ान जिसे GSLV-Mk III-D1 कहा जाता है, ने 5 जून, 2017 को GSAT-19 उपग्रह को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में सफलतापूर्वक स्थापित किया था। GSLV MkIII-M1 ने चंद्रयान -2 को सफलतापूर्वक लांच किया था।
        
        Originally written on 
        September 18, 2021 
        and last modified on 
        September 18, 2021.