इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में बड़ा निवेश: ECMS के तहत ₹5,532 करोड़ के 7 प्रोजेक्ट को मिली मंजूरी
भारत सरकार ने सोमवार को इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ECMS) के अंतर्गत ₹5,532 करोड़ के सात महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं से न केवल घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि ₹36,559 करोड़ मूल्य के कंपोनेंट्स के निर्माण और 5,100 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार सृजन की उम्मीद है।
राज्यों में फैले निवेश और उत्पादन केंद्र
मंजूर किए गए सात प्रोजेक्ट्स में से पाँच तमिलनाडु में, एक आंध्र प्रदेश में और एक मध्य प्रदेश में स्थापित किए जाएंगे। इन यूनिट्स में मल्टी-लेयर प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (PCBs), HDI PCBs, कैमरा मॉड्यूल, कॉपर क्लैड लैमिनेट और पॉलीप्रोपाइलीन फिल्म्स का निर्माण किया जाएगा।
बेंगलुरु स्थित केन्स टेक्नोलॉजी को इनमें से चार प्रोजेक्ट प्राप्त हुए हैं, जबकि SRF लिमिटेड, सायरमा स्ट्रैटेजिक इलेक्ट्रॉनिक्स और एसेन्ट सर्किट्स प्राइवेट लिमिटेड को एक-एक प्रोजेक्ट आवंटित हुआ है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ECMS) की अधिसूचना 8 अप्रैल 2025 को जारी की गई थी।
- कुल सात प्रोजेक्ट को ₹5,532 करोड़ की लागत से मंजूरी मिली है।
- इनसे ₹36,559 करोड़ का उत्पादन और 5,100+ प्रत्यक्ष रोजगार सृजन की संभावना है।
- भारत की घरेलू PCB मांग का 20% और कैमरा मॉड्यूल असेंबली का 15% अब इन यूनिट्स से पूरा होगा।
- कॉपर क्लैड लैमिनेट की पूरी घरेलू मांग अब भारत में ही निर्मित होगी।
आत्मनिर्भरता और निर्यात को मिलेगा बल
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा करते हुए बताया कि इन यूनिट्स से उत्पन्न अतिरिक्त उत्पादन का 60% निर्यात किया जाएगा। इससे भारत की वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति श्रृंखला में भागीदारी और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी।
उन्होंने यह भी बताया कि अब देश की कॉपर क्लैड लैमिनेट की पूरी मांग घरेलू उत्पादन से पूरी की जा सकेगी, जो पहले आयात पर निर्भर थी।
उच्चतम निवेश प्रतिबद्धता और व्यापक भागीदारी
MEITY के अनुसार, स्कीम को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से अत्यंत सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। अब तक 249 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें ₹1.15 लाख करोड़ का निवेश, ₹10.34 लाख करोड़ का उत्पादन और 1.42 लाख रोजगार सृजन का प्रस्ताव है। यह भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी निवेश प्रतिबद्धता है।
प्रोत्साहन आधारित पारदर्शी ढांचा
ECMS के तहत दोनों प्रकार के इंसेंटिव — टर्नओवर आधारित और पूंजीगत व्यय आधारित — दिए जाएंगे। कंपनियों को हर वर्ष निर्धारित बिक्री और निवेश लक्ष्यों को प्राप्त करना अनिवार्य है। यदि रोजगार सृजन लक्ष्य पूरा नहीं होता, तो प्रोत्साहन राशि में 1% की कटौती की जाएगी।