इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम को मिला लक्ष्य से दोगुना निवेश प्रस्ताव

इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम को मिला लक्ष्य से दोगुना निवेश प्रस्ताव

भारत सरकार की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ECMS) को जबरदस्त उद्योगिक समर्थन मिला है। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के अनुसार, योजना के तहत अब तक ₹1,15,351 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जबकि सरकार का निर्धारित लक्ष्य ₹59,350 करोड़ था।
इस योजना की शुरुआत अप्रैल 2025 में भारत सेमीकंडक्टर मिशन के पूरक के रूप में की गई थी। इसका उद्देश्य देश में रेडीमेड उत्पादों और सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन के अलावा इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स की गहराई से मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना है।

निवेश, उत्पादन और रोजगार के आंकड़े

  • योजना का बजटीय प्रावधान: ₹22,919 करोड़
  • उत्पादन लक्ष्य: ₹4,56,500 करोड़
  • प्राप्त उत्पादन अनुमान: ₹10,34,000 करोड़
  • रोजगार लक्ष्य: 91,600 व्यक्ति
  • संभावित रोजगार: 1,41,000 व्यक्ति

आवेदन और वितरण प्रक्रिया

योजना के तहत 249 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें कंपनियाँ प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (PCB) से लेकर सब-असेंबली यूनिट्स तक के निर्माण का प्रस्ताव रख रही हैं।

  • इलेक्ट्रो-मेकैनिकल कंपोनेंट्स: 87 आवेदन
  • मल्टी-लेयर पीसीबी: 43 आवेदन
  • एक अज्ञात कंपनी ने ₹22,000 करोड़ के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है।

आईटी सचिव एस. कृष्णन के अनुसार, इस योजना के तहत इंसेंटिव्स को “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर वितरित किया जाएगा। यानी जो कंपनियाँ तेजी से उत्पादन शुरू करेंगी, उन्हें प्राथमिकता मिलेगी।

सरकार की रणनीति और भविष्य की योजनाएँ

आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कुछ कंपनियों ने एक से अधिक प्रकार के कंपोनेंट्स के निर्माण के लिए आवेदन किया है, जिसे सरकार प्रोत्साहित कर रही है। साथ ही, इलेक्ट्रॉनिक्स मटीरियल्स निर्माण को भी बढ़ावा देने की तैयारी की जा रही है, जो भारत सेमीकंडक्टर मिशन के आगामी दूसरे चरण का हिस्सा होगा।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • ECMS: भारत सरकार द्वारा शुरू की गई उत्पादन और रोजगार आधारित प्रोत्साहन योजना, जो कंपोनेंट निर्माण को गहराई देने का उद्देश्य रखती है।
  • भारत सेमीकंडक्टर मिशन: देश को सेमीकंडक्टर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की प्रमुख पहल।
  • मल्टी-लेयर पीसीबी: आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ में प्रयुक्त महत्वपूर्ण तकनीकी घटक।
  • “First Come First Served” नीति: सरकार की वह नीति जिसके तहत शीघ्र उत्पादन शुरू करने वाली कंपनियों को प्राथमिकता दी जाती है।
Originally written on October 4, 2025 and last modified on October 4, 2025.

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