इमरान खान की एकांत कारावास पर वैश्विक दबाव: मानवाधिकारों पर सवाल
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को रावलपिंडी की अडियाला जेल में लंबे समय से एकांत कारावास में रखने को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ती जा रही है। मानवाधिकार संगठनों, विपक्षी नेताओं और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है और इसे मानसिक उत्पीड़न की संज्ञा दी है। संयुक्त राष्ट्र की ओर से भी इस मामले पर औपचारिक चेतावनी जारी की गई है, जिससे पाकिस्तान की वैश्विक छवि पर असर पड़ने की आशंका गहरा गई है।
जेल में एकांत कारावास: आरोप और परिस्थितियाँ
सितंबर 2023 से अडियाला जेल में स्थानांतरित किए जाने के बाद से इमरान खान को प्रतिदिन 23 घंटे तक एकांत में रखा जा रहा है।
- उन्हें न तो अन्य कैदियों से बातचीत की अनुमति है और न ही नियमित रूप से कानूनी सलाह या पारिवारिक मुलाकात मिल रही है।
- बाहर निकलने या शारीरिक गतिविधियों की अनुमति भी बहुत सीमित बताई गई है।
- उनके राजनीतिक सहयोगियों द्वारा मुलाकात के कई अनुरोध सुरक्षा कारणों से ठुकरा दिए गए हैं।
इन परिस्थितियों को लेकर पाकिस्तान के भीतर भी सरकार की पारदर्शिता और न्यायिक प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।
संयुक्त राष्ट्र का हस्तक्षेप और चेतावनी
संयुक्त राष्ट्र के टॉर्चर पर विशेष रैपोर्टियर, एलिस जिल एडवर्ड्स ने इमरान खान की हिरासत को लेकर गंभीर चिंता जताई है।
- उन्होंने स्पष्ट किया कि 15 दिनों से अधिक की एकांत हिरासत को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के तहत मानसिक यातना माना जाता है।
- उन्होंने पाकिस्तानी प्रशासन से तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने की अपील की है।
- इस बयान ने पाकिस्तान की वैश्विक कूटनीतिक मंचों पर आलोचना को और अधिक गंभीर बना दिया है।
स्वास्थ्य, कानूनी पहुंच और राजनीतिक प्रभाव
इमरान खान की उम्र 73 वर्ष है और वह 2022 में हुए जानलेवा हमले के बाद से रीढ़ की हड्डी में चोट और गोली लगने की जटिलताओं से जूझ रहे हैं।
- आरोप हैं कि उन्हें जेल में उचित चिकित्सा सुविधा नहीं मिल रही है।
- उनकी पार्टी और समर्थकों का कहना है कि यह एक राजनीतिक साजिश है, जबकि सरकार इसे सुरक्षा कारणों से उचित ठहरा रही है।
- इससे पाकिस्तान का राजनीतिक माहौल और अधिक तनावपूर्ण हो गया है, जहां पहले से ही ध्रुवीकरण चरम पर है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- इमरान खान 2018 से 2022 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे।
- संयुक्त राष्ट्र के मानकों के अनुसार 15 दिन से अधिक की एकांत हिरासत प्रतिबंधित है।
- UN Special Rapporteur on Torture यातना विरोधी समझौतों की निगरानी करते हैं।
- अडियाला जेल पाकिस्तान की सबसे उच्च सुरक्षा वाली जेलों में से एक है।
निष्कर्ष
इमरान खान की जेल में परिस्थितियों ने न केवल पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति को झकझोर दिया है, बल्कि उसकी अंतरराष्ट्रीय छवि पर भी प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया और वैश्विक मानवाधिकार संगठनों की अपीलें यह दर्शाती हैं कि मानवाधिकारों की उपेक्षा अब किसी भी देश के लिए एक कूटनीतिक संकट का कारण बन सकती है। पाकिस्तान के लिए यह समय है कि वह पारदर्शिता, न्यायिक प्रक्रिया और मानवीय व्यवहार को प्राथमिकता दे, ताकि उसकी अंतरराष्ट्रीय साख और आंतरिक स्थिरता दोनों को सुरक्षित रखा जा सके।