इन्फोसिस प्राइज 2025: युवा वैज्ञानिक प्रतिभा का वैश्विक सम्मान
भारत के इन्फोसिस साइंस फाउंडेशन (ISF) ने प्रतिष्ठित इन्फोसिस प्राइज 2025 के विजेताओं की घोषणा की है। यह पुरस्कार युवा वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के असाधारण योगदान को सम्मानित करता है, जिन्होंने विज्ञान, नवाचार और मानव ज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है। प्रत्येक विजेता को स्वर्ण पदक, प्रशस्ति पत्र और 1,00,000 अमेरिकी डॉलर की धनराशि प्रदान की जाती है। यह पहल न केवल भारत की वैश्विक शोध क्षमता को प्रदर्शित करती है बल्कि युवा वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करने का माध्यम भी बन रही है।
पुरस्कार के क्षेत्र और चयन प्रक्रिया
इन्फोसिस प्राइज 2025 छह प्रमुख क्षेत्रों में दिया गया अर्थशास्त्र, इंजीनियरिंग व कंप्यूटर विज्ञान, मानविकी व सामाजिक विज्ञान, जीवन विज्ञान, गणितीय विज्ञान और भौतिक विज्ञान। विजेताओं का चयन अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त शिक्षाविदों की ज्यूरी द्वारा किया गया। वर्ष 2009 में आरंभ हुआ यह पुरस्कार समाज पर प्रभाव डालने वाले वैज्ञानिक कार्यों को मान्यता देता है। वर्ष 2024 से इस पुरस्कार का फोकस 40 वर्ष से कम आयु के शोधकर्ताओं पर केंद्रित किया गया है ताकि उभरते वैज्ञानिक प्रतिभाओं को प्रोत्साहन मिल सके।
उल्लेखनीय विजेता और उनकी उपलब्धियाँ
अर्थशास्त्र के क्षेत्र में निकिल अग्रवाल (MIT) को “मार्केट डिजाइन” पर उनके अग्रणी कार्य के लिए सम्मानित किया गया, जिसने स्कूल एडमिशन और मेडिकल रेजिडेंसी जैसे क्षेत्रों में नई समझ विकसित की।सुशांत सचदेवा (यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो) को इंजीनियरिंग और कंप्यूटर विज्ञान में “मैथमैटिकल ऑप्टिमाइजेशन” में उनके शोध के लिए चुना गया।मानविकी और सामाजिक विज्ञान में एंड्रू ऑलेट (यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो) को प्राकृत और शास्त्रीय भारतीय भाषाओं के अध्ययन में योगदान हेतु सम्मानित किया गया, जिससे दक्षिण एशियाई साहित्य पर नई दृष्टि मिली।
वैज्ञानिक खोजों की दिशा में नई उपलब्धियाँ
जीवन विज्ञान में अंजना बद्रीनारायणन (NCBS, बेंगलुरु) को डीएनए मरम्मत और जीनोम संरक्षा के तंत्रों की खोज के लिए सम्मानित किया गया।गणितीय विज्ञान में सव्यसाची मुखर्जी (TIFR, मुंबई) को कॉम्प्लेक्स डायनामिक्स और क्लीनियन ग्रुप थ्योरी को जोड़ने वाले शोध के लिए चुना गया।भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में कार्तिश मंथिरम (Caltech) को नवीकरणीय ऊर्जा के माध्यम से रासायनिक उत्पादन को टिकाऊ बनाने वाली इलेक्ट्रोकेमिकल विधियों के विकास हेतु सम्मान मिला।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- इन्फोसिस प्राइज की स्थापना वर्ष 2009 में हुई थी।
- प्रत्येक पुरस्कार में स्वर्ण पदक, प्रशस्ति पत्र और 1,00,000 अमेरिकी डॉलर शामिल हैं।
- वर्ष 2024 से यह पुरस्कार 40 वर्ष से कम आयु के शोधकर्ताओं को दिया जा रहा है।
- पूर्व विजेताओं में नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी और फील्ड्स मेडल विजेता मंजुल भार्गव शामिल हैं।
इन्फोसिस प्राइज ने वर्षों से भारत की वैज्ञानिक विरासत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। 2025 का संस्करण इस परंपरा को आगे बढ़ाता है, जिससे भारत में नवाचार और अनुसंधान की भावना और प्रबल होती है। ISF के अध्यक्ष के. दिनेश ने कहा कि फाउंडेशन का लक्ष्य विज्ञान को मानव प्रगति का प्रमुख स्तंभ बनाना और नवोन्मेष की संस्कृति को व्यापक बनाना है। यह पुरस्कार निश्चित रूप से आने वाली पीढ़ी के वैज्ञानिकों को नई ऊँचाइयाँ छूने की प्रेरणा देगा।