इटली में मिले 21 करोड़ साल पुराने डायनासोर पदचिह्न: ट्राइसिक युग की झलक
उत्तरी इटली के एक सुदूर राष्ट्रीय उद्यान में हाल ही में डायनासोर के हजारों पदचिह्न पाए गए हैं, जिनकी उम्र लगभग 21 करोड़ वर्ष आंकी गई है। यह खोज वैज्ञानिकों और जीवाश्मविदों को हैरान कर रही है और ट्राइसिक युग के अंतिम चरण में डायनासोरों के व्यवहार और गतिविधियों को समझने में नई दिशा दे रही है।
एक संयोगपूर्ण खोज: आल्प्स की घाटी में प्रागैतिहासिक रहस्य
लॉम्बार्डी के बोर्मियो के पास स्थित फ्रेले घाटी की ऊबड़-खाबड़ पहाड़ियों में, वन्यजीव फोटोग्राफर एलिओ डेला फेररा ने सितंबर माह में विचित्र निशान देखे। जांच के बाद यह पुष्टि हुई कि ये निशान प्रारंभिक डायनासोरों के पदचिह्न हैं, जो भूगर्भीय परिस्थितियों के कारण आश्चर्यजनक रूप से संरक्षित हैं। यह क्षेत्र 2026 के मिलान–कोर्तीना शीतकालीन ओलंपिक का आयोजन स्थल भी है।
समूह में चलने और बचाव की प्रवृत्ति का संकेत
मिलान के जीवाश्म विशेषज्ञ क्रिस्टियानो डल सासो के अनुसार, पदचिह्नों की बड़ी संख्या इस ओर इशारा करती है कि डायनासोर अकेले नहीं, बल्कि झुंड में चला करते थे। ये निशान विशेष रूप से प्रोसॉरोपॉड्स नामक शुरुआती लंबी गर्दन वाले डायनासोरों से जुड़े हैं। कुछ पैटर्न गोलाकार और समूहबद्ध हैं, जिससे वैज्ञानिक यह अनुमान लगा रहे हैं कि ये डायनासोर शिकारियों से छोटे सदस्यों की रक्षा के लिए गोल घेरा बनाकर खड़े होते होंगे। जीवाश्म विज्ञान में इस प्रकार का व्यवहार दुर्लभ रूप से देखा गया है।
वैज्ञानिक महत्त्व और अनुसंधान की नई संभावनाएं
यह स्थल वैज्ञानिकों के लिए एक “सोने की खान” की तरह है। ट्रैकवे (पदचिह्न पथ) से डायनासोरों की चाल, आपसी व्यवहार और प्रवास जैसी गतिविधियों की जानकारी मिलती है, जो केवल कंकाल अवशेषों से संभव नहीं होती। यह खोज यह भी प्रमाणित करती है कि वर्तमान में बर्फ और ग्लेशियरों से ढका यह पर्वतीय क्षेत्र कभी गर्म जलवायु वाला था, जहां विशाल जीवों का जीवन पनपता था।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- पदचिह्न लगभग 210 मिलियन वर्ष पुराने हैं, ट्राइसिक युग के अंतिम चरण से संबंधित।
- ये निशान प्रोसॉरोपॉड्स नामक प्रारंभिक लंबी गर्दन वाले डायनासोरों से जुड़े हैं।
- पदचिह्न पैटर्न समूह में चलने और रक्षात्मक व्यवहार की संभावना दर्शाते हैं।
- ट्रैकवे से डायनासोरों के जीवंत व्यवहार की जानकारी मिलती है, जो जीवाश्मों से नहीं मिलती।
यह खोज न केवल इटली बल्कि पूरे यूरोप में हाल के वर्षों की सबसे बड़ी जीवाश्म खोजों में मानी जा रही है। खतरनाक इलाके के कारण, आगे के अध्ययन में ड्रोन और रिमोट सेंसिंग तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। इटली के सांस्कृतिक मंत्रालय ने इस खोज को “प्रतीकात्मक” बताया है, जो दर्शाता है कि आधुनिक परिदृश्य के नीचे छिपा हुआ प्राकृतिक इतिहास अभी भी कई रहस्यों से भरा हुआ है।