इटली के कैम्पी फ्लेग्री ज्वालामुखी में AI की मदद से खोजे गए नए भूगर्भीय संरचनाएं

इटली के कैम्पी फ्लेग्री ज्वालामुखी में AI की मदद से खोजे गए नए भूगर्भीय संरचनाएं

इटली के खतरनाक माने जाने वाले कैम्पी फ्लेग्री ज्वालामुखी में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित एक नए अध्ययन ने पहली बार कुछ अभूतपूर्व भूगर्भीय संरचनाओं का खुलासा किया है। इनमें सबसे अहम खोज है एक स्पष्ट “रिंग फॉल्ट” — एक गोलाकार दरार प्रणाली — जो भविष्य में 5 तीव्रता तक के भूकंप का कारण बन सकती है। यह खोज विज्ञान पत्रिका Science में 4 सितंबर 2025 को प्रकाशित हुई।

कैसे काम करता है AI आधारित भूकंपीय विश्लेषण?

स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के भूभौतिकी विशेषज्ञों द्वारा विकसित इस AI टूल ने पारंपरिक तरीकों से अनदेखे रह गए भूकंपों को भी चिन्हित किया। पारंपरिक भूकंप विश्लेषण में ‘फेज पिकिंग’ नामक प्रक्रिया से भूकंप की पहचान की जाती है, जो वर्षों से प्रयुक्त हो रही है। लेकिन AI मॉडल को लाखों पुराने उदाहरणों से प्रशिक्षण देकर उसमें बेहतर ‘सीखने’ की क्षमता डाली गई, जिससे यह ज्वालामुखी क्षेत्र में अज्ञात कंपनों को पहचानने में सक्षम हुआ।

भूकंप और सतह का उठाव: दोहराया जा रहा है इतिहास

2022 से 2025 के बीच कैम्पी फ्लेग्री में पारंपरिक तरीकों से केवल 12,000 भूकंप दर्ज किए गए, जबकि AI विश्लेषण में इनकी संख्या 54,000 पाई गई। इन आंकड़ों को जब नक्शे पर उतारा गया, तो वैज्ञानिकों को दो फॉल्ट लाइनों का मिलनस्थल मिला — ठीक उसी पोज़ुओली शहर के नीचे, जहां 1980 के दशक में 40,000 लोगों को निकाला गया था।
पोज़ुओली शहर में एक बार फिर ज़मीन सालाना 10 सेंटीमीटर उठ रही है, जैसा 1980 के दशक में हुआ था। यह क्षेत्र अब एक स्पष्ट “रिंग फॉल्ट” से घिरा पाया गया है, जो सतह से लेकर समुद्र तक फैली हुई है। इस रिंग पर हो रही भूकंपीय गतिविधि ज्वालामुखीय प्रणाली में भविष्य में होने वाले परिवर्तनों के संकेत दे सकती है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • कैम्पी फ्लेग्री यूरोप का एक विशाल ज्वालामुखीय क्षेत्र है, जो नेपल्स के पश्चिम में स्थित है।
  • 40,000 साल में इस क्षेत्र में दो बार यूरोप की सबसे बड़ी ज्वालामुखीय विस्फोट हुए हैं।
  • 1980 के दशक में 16,000 भूकंपों की श्रंखला के कारण 40,000 से अधिक लोगों को निकाला गया था।
  • वर्तमान में इस ज्वालामुखी क्षेत्र के भीतर 3.6 लाख और उसके आस-पास करीब 15 लाख लोग निवास करते हैं।
Originally written on October 15, 2025 and last modified on October 15, 2025.

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