इज़राइल ने सोमालीलैंड को दी स्वतंत्र राष्ट्र की मान्यता: पूर्वी अफ्रीका में राजनयिक बदलाव
इज़राइल ने हाल ही में सोमालीलैंड को एक स्वतंत्र देश के रूप में आधिकारिक मान्यता देकर एक ऐतिहासिक राजनयिक कदम उठाया है। यह पहली बार है जब किसी देश ने सोमालीलैंड को उसकी 1991 की स्वतंत्रता घोषणा के बाद आधिकारिक रूप से मान्यता दी है। यह निर्णय न केवल अफ्रीका के हॉर्न क्षेत्र में कूटनीतिक समीकरणों को प्रभावित करेगा, बल्कि इज़राइल की विदेश नीति में भी एक बड़ा बदलाव दर्शाता है।
औपचारिक मान्यता समझौता
इस मान्यता की घोषणा इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और विदेश मंत्री गिदोन सार द्वारा की गई। दूसरी ओर, सोमालीलैंड की ओर से राष्ट्रपति अब्दिरहमान मोहम्मद अब्दुल्लाही ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। नेतन्याहू ने इस घटनाक्रम को “ऐतिहासिक और निर्णायक” बताते हुए कहा कि यह दोनों देशों के बीच औपचारिक द्विपक्षीय संबंधों की शुरुआत है।
इस समझौते के तहत, दोनों देशों में दूतावास खोले जाएंगे और राजदूत नियुक्त किए जाएंगे, जिससे राजनयिक संबंधों को संरचित रूप मिलेगा।
सोमालीलैंड की मान्यता की दीर्घकालिक मांग
सोमालीलैंड ने पहली बार 1960 में स्वतंत्रता प्राप्त की थी और उस समय इज़राइल समेत 34 देशों ने उसे मान्यता दी थी। हालांकि, बाद में वह स्वेच्छा से सोमालिया के साथ एकीकृत हो गया। 1991 में सोमालिया की केंद्र सरकार के पतन के बाद, सोमालीलैंड ने पुनः स्वतंत्रता की घोषणा की।
तब से अब तक, सोमालीलैंड ने राजनीतिक स्थिरता, लोकतांत्रिक संस्थाएं और स्वतंत्र मुद्रा व प्रशासनिक ढांचा विकसित किया है, लेकिन वैश्विक स्तर पर मान्यता नहीं मिल सकी थी। कुछ देशों जैसे ब्रिटेन, इथियोपिया, तुर्की, यूएई, डेनमार्क, केन्या और ताइवान ने वहां संपर्क कार्यालय बनाए, लेकिन आधिकारिक मान्यता नहीं दी।
रणनीतिक और कूटनीतिक असर
इज़राइल और सोमालीलैंड के बीच हुई फोन बातचीत में नेतन्याहू ने आर्थिक विकास, कृषि और सामाजिक क्षेत्रों में सहयोग की इच्छा जताई। उन्होंने सोमालीलैंड के राष्ट्रपति को इज़राइल की आधिकारिक यात्रा के लिए आमंत्रित किया और संकेत दिया कि वे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से अब्राहम समझौते में सोमालीलैंड को शामिल करने का अनुरोध करेंगे।
यह कदम पूर्वी अफ्रीका और पश्चिम एशिया में बदलते भू-राजनीतिक समीकरणों में इज़राइल की सक्रिय भूमिका को रेखांकित करता है। साथ ही, यह वैश्विक मंच पर मान्यता के मानकों और प्रक्रियाओं पर भी नई बहस को जन्म दे सकता है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- सोमालीलैंड ने 1991 में सोमालिया से स्वतंत्रता की घोषणा की थी।
- इज़राइल पहला देश है जिसने सोमालीलैंड को आधिकारिक मान्यता दी है।
- सोमालीलैंड की अपनी सरकार, मुद्रा और स्वतंत्र चुनाव प्रणाली है।
- अब्राहम समझौते इज़राइल और अरब देशों के बीच संबंध सामान्य करने पर केंद्रित हैं।
इज़राइल द्वारा सोमालीलैंड की मान्यता न केवल क्षेत्रीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में भी एक नया अध्याय जोड़ती है। यह निर्णय संभवतः अन्य देशों को भी मान्यता पर पुनर्विचार के लिए प्रेरित कर सकता है और अफ्रीका के हॉर्न क्षेत्र में संतुलन की नई दिशा तय कर सकता है।