इज़राइल की गलीली झील लाल हुई, कारण निकला शैवाल की रहस्यमयी परत

इज़राइल की गलीली झील (Sea of Galilee) का पानी पिछले कुछ दिनों से लाल रंग का हो गया है, जिससे आसपास के इलाकों में दहशत फैल गई। यह झील ईसाई तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण है, जहां लोग स्नान और नौकायन का आनंद लेते हैं। हालांकि, पानी के अचानक लाल होने से लोगों में चिंता बढ़ गई थी।

कारण और सुरक्षा जांच

जल मंत्रालय की जांच में पता चला कि झील में Botryococcus braunii नामक हरे शैवाल की अत्यधिक वृद्धि (algal bloom) के कारण पानी लाल दिख रहा है। यह शैवाल सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने पर लाल रंग का प्राकृतिक पिगमेंट (carotenoid) बनाता है, जो झील के कुछ हिस्सों में जमा होकर पूरे पानी का रंग बदल देता है।अधिकारियों ने पानी की गुणवत्ता जांचकर इसे पूरी तरह सुरक्षित घोषित किया है और आश्वस्त किया है कि इसका मानव स्वास्थ्य पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं है। जल प्राधिकरण झील की पारिस्थितिकी पर इसके प्रभाव की निगरानी जारी रखेगा।

जलवायु परिवर्तन और शैवाल प्रसार

विशेषज्ञों के अनुसार, बढ़ते वैश्विक तापमान और जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्रों और झीलों में शैवाल प्रसार (algae bloom) की घटनाएं बढ़ रही हैं।

  • गर्मी और पोषक तत्वों (फॉस्फोरस, नाइट्रोजन) की अधिकता शैवाल वृद्धि को प्रोत्साहित करती है।
  • शैवाल की मोटी परत पानी में गहराई तक सूर्य का प्रकाश पहुंचने से रोकती है, जिससे नीचे रहने वाले जीव प्रभावित होते हैं।
  • शैवाल के मरने और सड़ने पर पानी में घुली ऑक्सीजन कम हो जाती है (hypoxia), जो जलीय जीवों के लिए खतरनाक है।

गलीली झील के बारे में

  • स्थान: इज़राइल की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील, जॉर्डन ग्रेट रिफ्ट वैली में स्थित।
  • आकार: परिधि 53 किमी, लंबाई 21 किमी, चौड़ाई 13 किमी, क्षेत्रफल 166 वर्ग किमी, अधिकतम गहराई लगभग 43 मीटर।
  • विशेषता: समुद्र तल से 209 मीटर नीचे स्थित दुनिया की सबसे निचली मीठे पानी की झील और डेड सी के बाद दूसरी सबसे निचली झील।
  • अन्य नाम: लेक टिबेरियस, यम किनेरत (हिब्रू), बुहैरत तबरिया (अरबी), लेक ऑफ गिनेसरेट।
  • ऐतिहासिक महत्व: यीशु मसीह के चमत्कारों और उपदेशों से जुड़ी, जैसे तूफान शांत करने की घटना।
  • मुख्य स्रोत: जॉर्डन नदी, जो झील से उत्तर से दक्षिण की ओर बहती है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • Botryococcus braunii शैवाल हाइड्रोकार्बन पैदा करने के लिए प्रसिद्ध है, जिससे भविष्य में जैव ईंधन (biofuel) निर्माण संभव है।
  • 2022 में डेड सी के पास भी कुछ मीठे पानी के गड्ढों का पानी लाल हो गया था, जिसका कारण शैवाल प्रसार था।
  • गलीली झील के किनारे मछली पकड़ना एक पारंपरिक पेशा है; यहां की “सेंट पीटर फिश” (तिलापिया) विशेष रूप से प्रसिद्ध है।
  • झील की भौगोलिक स्थिति के कारण यहां अचानक तेज आंधी-तूफान आ सकते हैं।

गलीली झील का रंग बदलना भले ही देखने में रहस्यमयी लगे, लेकिन यह जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक प्रक्रियाओं का मिश्रण है, जो भविष्य में विश्व की कई झीलों और समुद्रों में देखने को मिल सकता है।

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