इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने शुरू की आधार-आधारित फेस ऑथेंटिकेशन सुविधा

भारत के दूर-दराज़ इलाकों में समावेशी बैंकिंग सेवाओं को सुलभ बनाने में अग्रणी इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) ने अब एक और क्रांतिकारी कदम उठाया है — आधार आधारित फेस ऑथेंटिकेशन सुविधा का देशव्यापी शुभारंभ। यह पहल विशेष रूप से बुज़ुर्गों और दिव्यांग नागरिकों को ध्यान में रखते हुए की गई है, जिससे बैंकिंग अधिक सुरक्षित, सुविधाजनक और सम्मानजनक बन सके।

फेस ऑथेंटिकेशन: तकनीक से सशक्तिकरण

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा विकसित इस सुविधा के तहत अब ग्राहक बिना फिंगरप्रिंट या OTP के केवल अपने चेहरे की पहचान से बैंकिंग लेनदेन कर सकेंगे। यह सुविधा न केवल तकनीकी नवाचार का उदाहरण है, बल्कि डिजिटल समावेशन और सुलभता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

प्रमुख विशेषताएँ और लाभ

  • समावेशी बैंकिंग: बुज़ुर्ग, दिव्यांग और जिनकी उंगलियों के निशान मिट गए हैं, उनके लिए अत्यंत उपयोगी।
  • सुरक्षित और संपर्करहित लेनदेन: OTP या फिंगरप्रिंट पर निर्भरता खत्म, जिससे धोखाधड़ी की संभावना कम।
  • स्वास्थ्य आपात स्थितियों में कारगर: जहां शारीरिक संपर्क से संक्रमण का खतरा हो, वहां सुरक्षित विकल्प।
  • तेज़ और सहज सेवा अनुभव: हर प्रकार के बैंकिंग कार्य जैसे खाता खोलना, बैलेंस जांच, फंड ट्रांसफर, और बिल भुगतान अब और सरल।
  • डिजिटल इंडिया और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा: यह पहल भारत सरकार के डिजिटल इंडिया अभियान की दिशा में एक मजबूत कदम है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • IPPB की स्थापना 1 सितंबर 2018 को की गई थी, जो संचार मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत है।
  • इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत में ~1.65 लाख डाकघरों और ~3 लाख डाककर्मियों के माध्यम से अंतिम छोर तक बैंकिंग पहुंचाना है।
  • IPPB भारत स्टैक तकनीक पर आधारित है, जो पेपरलेस, कैशलेस और प्रेजेंसलेस बैंकिंग को संभव बनाती है।
  • बैंकिंग सेवाएं 13 भाषाओं में उपलब्ध हैं, जिससे 11 करोड़ से अधिक ग्राहकों को सेवा दी जा रही है।

ग्राहक सम्मान की नई मिसाल

IPPB के प्रबंध निदेशक और CEO श्री आर. विश्वेस्वरन ने इस अवसर पर कहा, “बैंकिंग केवल सुलभ नहीं, बल्कि गरिमामयी भी होनी चाहिए। यह केवल एक तकनीकी सुविधा नहीं, बल्कि वित्तीय समावेशन को पुनर्परिभाषित करने का प्रयास है।”
IPPB ने सभी ग्राहकों, विशेषकर उन लोगों को जो फिंगरप्रिंट आधारित प्रमाणीकरण में कठिनाई का सामना करते हैं, से आग्रह किया है कि वे इस नई सुविधा का लाभ उठाएं और आधुनिक बैंकिंग का अनुभव करें।
फेस ऑथेंटिकेशन सुविधा के माध्यम से IPPB ने फिर यह सिद्ध किया है कि “हर ग्राहक महत्वपूर्ण है, हर लेनदेन मूल्यवान है और हर जमा सम्मानजनक है।” यह पहल न केवल तकनीक का विस्तार है, बल्कि सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम भी है।

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