इंडियन ऑयल और नॉर्वे की ग्रीनस्टैट हाइड्रोजन रिसर्च के लिए मिलकर काम करेंगे

इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) और ग्रीनस्टैट नॉर्वे ने हाइड्रोजन पर उत्कृष्टता केंद्र (Centre of Excellence on Hydrogen) स्थापित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। भारत द्वारा अपने राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन का अनावरण करने के कुछ दिनों बाद इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।

मुख्य बिंदु

  • राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन का अनावरण भारत सरकार ने अक्षय स्रोतों से कार्बन-मुक्त ईंधन बनाने की अपनी योजनाओं में तेजी लाने के लिए किया था।
  • सरकार ने केंद्रीय बजट में 2021-22 के लिए हरित उर्जा स्रोतों से हाइड्रोजन उत्पन्न करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भी प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
  • सरकार ने अधिक विविध और कुशल ऊर्जा अवसंरचना के निर्माण के लिए भी प्रतिबद्धता व्यक्त की।

हाइड्रोजन पर उत्कृष्टता केंद्र (CoE-H)

  • हाइड्रोजन पर उत्कृष्टता केंद्र (Centre of Excellence on Hydrogen – CoE-H) विकसित करने के उद्देश्य से ग्रीनसेट नॉर्वे के साथ इंडियन आयल मिलकर काम करेगा।
  • इस CoE-H को प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण और साझाकरण की सुविधा के उद्देश्य से लॉन्च किया गया था।
  • यह ग्रीन हाइड्रोजन मूल्य श्रृंखला और अन्य प्रौद्योगिकियों जैसे हाइड्रोजन भंडारण और फ्यूल सेल के अनुभव को भी साझा करेगा।
  • यह प्लेटफार्म दोनों देशों के अनुसंधान एवं विकास संस्थानों और विश्वविद्यालयों के बीच ग्रीन और ब्लू हाइड्रोजन में अनुसन्धान व विकास परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए एक वाहन के रूप में कार्य करेगा।
  • यह केंद्र दोनों देशों के उद्योग और सरकारों के साथ मिलकर काम करेगा।
  • यह लागत-कुशल और सतत तकनीकी समाधान विकसित करने के लिए अपनी बौद्धिक शक्तियों को भी आगे बढ़ाएगा।
  • यह हाइड्रोजन और ईंधन कोशिकाओं के क्षेत्र में सर्वोत्तम औद्योगिक प्रथाओं, उत्पाद प्रोटोकॉल, सुरक्षा और नियमों व मानकों के लिए एक थिंक-टैंक के रूप में कार्य करेगा।

राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन

2020-21 के केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री द्वारा राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन की घोषणा की गई थी। इस मिशन की घोषणा हरित उर्जा संसाधनों से हाइड्रोजन पैदा करने के उद्देश्य से की गई थी।

हाइड्रोजन ईंधन

ऑक्सीजन के साथ जलने पर यह एक शून्य-उत्सर्जन ईंधन है। इस ईंधन का उपयोग ईंधन कोशिकाओं में या आंतरिक दहन इंजन (Internal Combustion Engines) में किया जा सकता है। इसका उपयोग अंतरिक्ष यान प्रणोदन के लिए ईंधन के रूप में भी किया जाता है।

Originally written on February 22, 2021 and last modified on February 22, 2021.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *