इंटरस्टेलर धूमकेतु 3I/ATLAS बना वैज्ञानिकों का केंद्रबिंदु: हरे रंग की चमक और तेजी से बढ़ती सक्रियता ने बढ़ाई उत्सुकता

इंटरस्टेलर धूमकेतु 3I/ATLAS बना वैज्ञानिकों का केंद्रबिंदु: हरे रंग की चमक और तेजी से बढ़ती सक्रियता ने बढ़ाई उत्सुकता

धूमकेतु 3I/ATLAS, जो सौरमंडल से परे के किसी अन्य तारा मंडल से आया है, इन दिनों भीतर के सौरमंडल में प्रवेश करते ही तेज़ी से सक्रिय हो गया है। इसकी चमक में तेज़ी से वृद्धि और असामान्य हरे रंग की आभा ने वैश्विक वैज्ञानिकों का ध्यान आकर्षित किया है। यह धूमकेतु, जो लाखों वर्षों से अंतरिक्ष में घूम रहा है, अब पृथ्वी के नज़दीक पहुंचकर वैज्ञानिकों को दूरस्थ तारों के आस-पास बने पदार्थों के अध्ययन का अनूठा अवसर दे रहा है।

हरी आभा का रहस्य: रासायनिक सक्रियता का संकेत

हाल की खगोलीय टिप्पणियों में 3I/ATLAS की कोमा (coma) — यानी धूल और गैसों का बाहरी बादल — में एक हरी चमक देखी गई है। यह द्विपरमाणु कार्बन (C₂) अणुओं के कारण होता है, जो जब धूमकेतु की सतह से जमी हुई गैसें सूर्य की गर्मी में वाष्पित होती हैं, तो निकलते हैं।

सूरज की रोशनी से उत्तेजित होकर ये अणु हरे प्रकाश का उत्सर्जन करते हैं।
जहाँ यह प्रक्रिया सौरमंडलीय धूमकेतुओं में आम है, वहीँ 3I/ATLAS, जो पहले लालिमा लिए हुए था, में यह परिवर्तन अप्रत्याशित माना जा रहा है।

सूर्य की गर्मी से चमक और पूंछ का निर्माण

जैसे-जैसे 3I/ATLAS सूर्य के पास पहुँचा, इसके गुहा में जमी बर्फ और धूल तेज़ी से वाष्पित होने लगी, जिससे यह धूमकेतु एक चमकीले कोमा और सूर्यप्रकाश में प्रकाशित लंबी पूंछ के साथ दिखने लगा।

पूर्व-पेरिहेलियन अवलोकनों की तुलना में इसकी संरचना में बदलाव देखा गया है, जो संकेत देता है कि नए पदार्थ उजागर हो रहे हैं।

ऐसे विलंबित प्रतिक्रियाएँ धूमकेतुओं में सामान्य हैं और इसके चलते अगले कुछ दिनों में और भी उल्का-वर्षा जैसी गतिविधियाँ देखने को मिल सकती हैं।

दुर्लभ इंटरस्टेलर आगंतुक: प्राचीन ब्रह्मांड से जुड़ी कड़ी

3I/ATLAS, अब तक दर्ज किए गए केवल तीसरे इंटरस्टेलर पिंड में से एक है — इससे पहले 1I/‘Oumuamua और 2I/Borisov का पता लगाया गया था। यह धूमकेतु लगभग 2.1 लाख किमी/घंटा की गति से हाइपरबोलिक कक्षा में यात्रा कर रहा है और भविष्य में सौरमंडल में कभी वापस नहीं लौटेगा

वैज्ञानिकों का मानना है कि यह अब तक देखे गए इंटरस्टेलर पिंडों में सबसे बड़ा और प्राचीन हो सकता है, जिसमें संभवतः प्रारंभिक तारामंडल निर्माण की सामग्री संरक्षित है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • 3I/ATLAS, तीसरा ज्ञात इंटरस्टेलर वस्तु है (1I/‘Oumuamua और 2I/Borisov के बाद)।
  • इसकी हरी आभा द्विपरमाणु कार्बन (C₂) अणुओं से उत्पन्न होती है।
  • यह हाइपरबोलिक कक्षा में है और सौरमंडल से स्थायी रूप से बाहर निकल जाएगा।
  • पृथ्वी के सबसे निकट यह लगभग 270 मिलियन किलोमीटर की दूरी तक आएगा।

अन्य तारामंडलों के अध्ययन के लिए वैज्ञानिक महत्व

3I/ATLAS का बर्फीला स्वरूप, विकसित होती जेट्स, और रसायनशास्त्र में हो रहे परिवर्तन, इसे एक प्राकृतिक प्रयोगशाला बना देते हैं। वैश्विक स्तर पर किए जा रहे अवलोकन इसके आकार, संरचना और घटकों का विश्लेषण कर रहे हैं, ताकि प्राचीन तारामंडलीय स्थितियों का पुनर्निर्माण किया जा सके।

यह अध्ययन यह समझने में भी मदद करेगा कि कैसे ग्रह निर्माण की सामग्री आकाशगंगा में अलग-अलग क्षेत्रों में विकसित होती है। Interstellar धूमकेतु 3I/ATLAS, एक झलक है उस ब्रह्मांड की, जो हमारी कल्पनाओं से भी कहीं आगे है।

Originally written on December 15, 2025 and last modified on December 15, 2025.

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