इंटरपोल एशियाई समिति में भारत का चयन: क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग को नई मजबूती

भारत को इंटरपोल की एशियाई समिति का सदस्य चुना गया है। यह चयन सिंगापुर में आयोजित 25वीं एशियाई क्षेत्रीय सम्मेलन के दौरान बहु-चरणीय मतदान प्रक्रिया के माध्यम से हुआ। इस उपलब्धि को भारत की क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा में बढ़ती भूमिका और नेतृत्व क्षमता के रूप में देखा जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग में भारत की सक्रिय भागीदारी
भारत का प्रतिनिधित्व इस सम्मेलन में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा किया गया, जो इंटरपोल से संबंधित सभी मामलों के लिए भारत का राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो है। समिति की भूमिका एशियाई क्षेत्रीय सम्मेलन को रणनीतिक और संचालनात्मक मुद्दों पर सलाह देने की होगी, जिससे सदस्य देशों के बीच संगठित अपराध, साइबर अपराध, मानव तस्करी, आतंकवाद और मादक पदार्थ तस्करी जैसे गंभीर मामलों में समन्वित कार्रवाई सुनिश्चित हो सके।
CBI के प्रवक्ता ने कहा कि यह समिति हर वर्ष बैठक करेगी और क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों पर नीति-निर्धारण और सामूहिक रणनीतियों को आगे बढ़ाएगी।
भारत की वैश्विक पुलिसिंग में भूमिका
भारत ने पिछले वर्षों में अंतरराष्ट्रीय पुलिसिंग पहलों में सक्रिय रूप से भाग लिया है और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा सहयोग को लगातार मजबूत किया है। CBI ने बताया कि भारत की यह नियुक्ति इंटरपोल में उसके पहले से मौजूद उच्च-स्तरीय प्रतिनिधित्व की निरंतरता है, और यह ट्रांसनेशनल सुरक्षा और वैश्विक कानून प्रवर्तन में उसके नेतृत्व को रेखांकित करती है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- इंटरपोल (INTERPOL), जिसका पूर्ण नाम “इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गनाइजेशन” है, विश्व की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय पुलिस संगठन है।
- इंटरपोल के तहत एशियाई समिति का गठन सदस्य देशों के बीच सुरक्षा सहयोग और रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए किया गया है।
- CBI, भारत का राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो है और इंटरपोल से संबंधित सभी मामलों का प्रभारी है।
- भारत पहले भी इंटरपोल की कार्यकारी समिति में उच्च स्तर पर प्रतिनिधित्व कर चुका है, जिसमें उसने वैश्विक अपराध नियंत्रण प्रयासों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।