आरबीआई ने स्वामिह फंड को एआईएफ नियमों से छूट दी: रियल एस्टेट सेक्टर को मिलेगी राहत
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने सरकार समर्थित रियल एस्टेट राहत कोष ‘स्पेशल विंडो फॉर अफोर्डेबल एंड मिड-इनकम हाउसिंग (SWAMIH)’ को वैकल्पिक निवेश कोष (Alternate Investment Funds – AIF) से संबंधित सख्त नियमों से छूट प्रदान की है। यह निर्णय शुक्रवार को जारी अधिसूचना में लिया गया, जिससे अटकी हुई आवासीय परियोजनाओं को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण मदद मिलेगी।
स्वामिह फंड की भूमिका और उद्देश्य
स्वामिह फंड की स्थापना वर्ष 2019 में केंद्र सरकार द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य उन आवासीय परियोजनाओं को वित्तीय सहायता देना है जो निर्माण के बीच में फंस गई हैं या वित्तीय संकट के कारण रुकी हुई हैं। यह फंड मध्यम और किफायती आवास (Affordable and Mid-Income Housing) क्षेत्र पर केंद्रित है और इन परियोजनाओं को ऋण वित्तपोषण (debt financing) के माध्यम से पूरा कराने का लक्ष्य रखता है।
इस फंड का प्रबंधन एसबीआईकैप वेंचर्स (SBICAP Ventures) करती है, जो भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक सहायक इकाई है। एसबीआई स्वयं भी इस फंड का एक बड़ा निवेशक है। अब तक स्वामिह फंड के माध्यम से देशभर में सैकड़ों खरीदारों के रुके हुए घरों को पूरा करने में सहायता मिली है।
एआईएफ नियम और छूट का तर्क
पिछले वर्ष आरबीआई ने बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) को निर्देश दिया था कि यदि वे किसी ऐसी परियोजना को ऋण दे रही हैं जिसमें एआईएफ निवेश कर रहा है, तो उन्हें अतिरिक्त प्रावधान (provisions) बनाना होगा। यह नियम अप्रत्यक्ष ऋण जोखिमों को कम करने और ऋण की “evergreening” यानी कृत्रिम रूप से स्वस्थ दिखाने की प्रवृत्ति को रोकने के लिए बनाया गया था।
हालांकि, सरकार ने आरबीआई से अनुरोध किया था कि सॉवरेन-बैक्ड (sovereign-backed) यानी सरकारी समर्थन वाले फंड्स को इन नियमों से छूट दी जाए, क्योंकि इनका उद्देश्य केवल मुनाफा नहीं बल्कि सामाजिक-आर्थिक विकास (socio-economic purpose) है। आरबीआई ने इस मांग को स्वीकार करते हुए स्वामिह फंड को इन सख्त प्रावधानों से मुक्त कर दिया है।
मौजूदा ढांचा और निवेश सीमाएँ
वर्तमान एआईएफ निवेश ढांचे के तहत, किसी भी विनियमित इकाई (regulated entity) का किसी एक एआईएफ योजना में निवेश 10% से अधिक नहीं हो सकता, जबकि सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों का संयुक्त निवेश 20% की सीमा में रहता है। स्वामिह को इस सीमा से छूट मिलने के बाद सरकारी बैंक और वित्तीय संस्थाएँ इस फंड में अधिक निवेश कर सकेंगी, जिससे रियल एस्टेट क्षेत्र को प्रत्यक्ष रूप से पूंजी उपलब्ध होगी।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- स्वामिह फंड की स्थापना नवंबर 2019 में की गई थी, जिसकी प्रारंभिक पूंजी लगभग ₹25,000 करोड़ थी।
- इस फंड के माध्यम से अब तक 150 से अधिक परियोजनाओं को वित्तीय सहायता मिल चुकी है।
- SBICAP Ventures Ltd. इसका प्रबंधन करती है, जो भारतीय स्टेट बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।
- भारत में एआईएफ (Alternate Investment Fund) की अवधारणा को सेबी (SEBI) ने वर्ष 2012 में औपचारिक रूप से मान्यता दी थी।