आरबीआई की यूनिफाइड मार्केट्स इंटरफेस पहल: डिजिटल परिसंपत्ति टोकनकरण की दिशा में बड़ा कदम

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने वित्तीय बाजार अवसंरचना को आधुनिक रूप देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए यूनिफाइड मार्केट्स इंटरफेस (UMI) की अवधारणा प्रस्तुत की है। यह पहल डिजिटल परिसंपत्तियों के टोकनकरण और सेटलमेंट में केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) के उपयोग को सक्षम बनाएगी। RBI के गवर्नर श्री संजय मल्होत्रा ने ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 के दौरान इस महत्वाकांक्षी योजना की जानकारी दी।
डिजिटल परिसंपत्ति टोकनकरण क्या है?
परिसंपत्ति टोकनकरण, वास्तविक भौतिक या वित्तीय परिसंपत्तियों को डिजिटल टोकनों में बदलने की प्रक्रिया है, जो ब्लॉकचेन पर आधारित होती है। इससे संपत्तियों की आंशिक स्वामित्व (fractional ownership) संभव होती है और वैश्विक स्तर पर उनका व्यापार सुलभ हो जाता है। स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स की मदद से लेनदेन पारदर्शी और त्वरित हो जाते हैं, जिससे वित्तीय बाजारों की दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि होती है।
यूनिफाइड मार्केट्स इंटरफेस (UMI) की विशेषताएँ
गवर्नर मल्होत्रा के अनुसार, प्रारंभिक पायलट से यह संकेत मिला है कि UMI बाजार की कार्यक्षमता में सुधार ला सकता है। यह नया प्लेटफॉर्म विशेष रूप से टोकनकरण और CBDC के जरिए डिजिटल सेटलमेंट को बढ़ावा देगा, जिससे पारंपरिक वित्तीय बाजारों की सीमाएं टूटेंगी और एक अधिक समावेशी व सशक्त वित्तीय तंत्र उभर कर आएगा।
खाता संकलक (Account Aggregator) ढांचा: डेटा आधारित वित्तीय समावेशन
UMI के साथ-साथ, RBI खाता संकलक (AA) ढांचे को भी मजबूत कर रहा है। यह एक NBFC ढांचा है जो उपभोक्ता की सहमति से उनके वित्तीय डेटा को अधिकृत संस्थाओं के साथ साझा करने में सक्षम बनाता है। वर्तमान में 17 AA, 650 FIU (वित्तीय जानकारी उपयोगकर्ता), 150 FIP (वित्तीय जानकारी प्रदाता) सक्रिय हैं, जो 160 मिलियन खातों को सेवा प्रदान कर रहे हैं और 3.66 अरब से अधिक अनुरोधों को संसाधित कर चुके हैं।
RBI अब ऐसे मानक विकसित कर रहा है जो उपभोक्ता ऑनबोर्डिंग, डेटा सुरक्षा, यूजर इंटरफेस और सहमति प्रबंधन में सुधार लाएँगे। यह ढांचा वित्तीय स्थिति के समग्र मूल्यांकन के लिए आवश्यक जानकारी को जोड़ने और सभी AA के बीच पारस्परिकता सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- CBDC (Central Bank Digital Currency) एक डिजिटल मुद्रा है जिसे देश का केंद्रीय बैंक जारी करता है।
- परिसंपत्ति टोकनकरण से रियल एस्टेट, सोना, बॉन्ड जैसे भौतिक व वित्तीय संपत्तियों का डिजिटल ट्रेडिंग संभव होता है।
- Account Aggregator Framework RBI द्वारा नियंत्रित एक महत्वपूर्ण डेटा साझाकरण प्रणाली है।
- UMI प्लेटफॉर्म के माध्यम से डिजिटल बाजारों को ब्लॉकचेन आधारित स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर में बदला जाएगा।