आरबीआई की ओम्बड्समैन रिपोर्ट: बढ़ी उपभोक्ता शिकायतें, निजी बैंकों पर सर्वाधिक असंतोष
वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के ओम्बड्समैन ढांचे के अंतर्गत उपभोक्ता शिकायतों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। यह प्रवृत्ति बैंकों और वित्तीय संस्थानों की सेवाओं से उपभोक्ताओं में बढ़ती असंतुष्टि को दर्शाती है। खासतौर पर निजी क्षेत्र के बैंकों और स्मॉल फाइनेंस बैंकों के खिलाफ शिकायतों में तेज़ बढ़ोतरी देखी गई है।
उपभोक्ता शिकायतों में समग्र वृद्धि
आरबीआई के इंटीग्रेटेड ओम्बड्समैन स्कीम के तहत वित्त वर्ष 2024-25 में कुल 13,34,244 शिकायतें प्राप्त हुईं, जो पिछले वर्ष की 11,75,075 शिकायतों से लगभग 13% अधिक हैं। हालांकि वृद्धि दर पिछले वर्ष दर्ज 33% के मुकाबले कम रही, लेकिन कुल संख्या अब तक के उच्चतम स्तर पर है। आरबीआई ने इस बढ़ोतरी का कारण डिजिटल सेवाओं के प्रसार और उपभोक्ताओं में शिकायत निवारण प्रणाली के प्रति बढ़ती जागरूकता को बताया।
शिकायतों का प्रसंस्करण और निवारण केंद्र
कुल शिकायतों में से 2,96,321 शिकायतें आरबीआई के 24 ओम्बड्समैन कार्यालयों को प्राप्त हुईं। वहीं, सेंट्रलाइज़्ड रिसीप्ट एंड प्रोसेसिंग सेंटर (CRPC) ने 9,11,384 शिकायतों को संभाला, जिनमें से एक लाख से अधिक को संबंधित कार्यालयों को अग्रेषित किया गया। 10,000 से अधिक शिकायतें कंज़्यूमर एजुकेशन एंड प्रोटेक्शन सेल्स को भेजी गईं। लगभग 7.7 लाख मामलों को “गैर-स्वीकार्य (non-maintainable)” मानते हुए सीआरपीसी स्तर पर ही बंद कर दिया गया। मार्च 2025 तक लंबित मामलों की संख्या 16,128 रही।
शिकायतों की श्रेणियाँ और क्षेत्रवार रुझान
वित्त वर्ष 2024-25 में ऋण और अग्रिम (Loans & Advances) से जुड़ी शिकायतें सबसे अधिक रहीं, जबकि क्रेडिट कार्ड से संबंधित शिकायतें दूसरे स्थान पर पहुंच गईं। दिलचस्प रूप से, मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग शिकायतों में 12.74% की गिरावट दर्ज हुई। बैंकों के खिलाफ कुल शिकायतों का 80% से अधिक हिस्सा रहा, जबकि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) का योगदान लगभग 15% रहा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- वित्त वर्ष 2024-25 में कुल शिकायतें: 13,34,244
- निजी बैंकों की शिकायत हिस्सेदारी: 37.53%
- स्मॉल फाइनेंस बैंकों की शिकायतों में 42% वृद्धि
- मोबाइल/ई-बैंकिंग शिकायतों में 12.74% की कमी
क्षेत्रीय प्रदर्शन और उपभोक्ता व्यवहार में बदलाव
निजी बैंकों के खिलाफ शिकायतें 10% बढ़ीं, जिससे वे सबसे अधिक शिकायत प्राप्त करने वाला क्षेत्र बन गए, जबकि सरकारी बैंकों के खिलाफ शिकायतों में 8.45% की गिरावट आई। स्मॉल फाइनेंस बैंकों की शिकायतें अपेक्षाकृत कम आधार से तेज़ी से बढ़ीं, जो इस क्षेत्र में सेवा गुणवत्ता और ग्राहक अनुभव की चुनौतियों को दर्शाती हैं।