आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन: महामारी से निपटने की दिशा में चार वर्षों की उल्लेखनीय प्रगति

आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन: महामारी से निपटने की दिशा में चार वर्षों की उल्लेखनीय प्रगति

भारत की स्वास्थ्य प्रणाली को महामारी जैसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए सुदृढ़ बनाने हेतु केंद्र सरकार ने 2021 में “प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (PM-ABHIM)” की शुरुआत की थी। कोविड-19 महामारी की वैश्विक लहर के दौरान शुरू किया गया यह कार्यक्रम अब अपने चार वर्ष पूरे कर चुका है, और इस अवधि में इसने देश की स्वास्थ्य अवसंरचना को एक नई दिशा दी है।

मिशन का उद्देश्य और निवेश

PM-ABHIM का मुख्य उद्देश्य देश की स्वास्थ्य, अनुसंधान और निगरानी व्यवस्था में मौजूद संरचनात्मक खामियों को दूर करना है। वर्ष 2021 से 2026 तक के लिए ₹64,180 करोड़ के निवेश के साथ यह मिशन कार्यान्वित किया जा रहा है। इसका प्राथमिक फोकस महामारी और आपदा की तैयारियों को मज़बूत करना है ताकि भविष्य की स्वास्थ्य आपात स्थितियों का प्रभावी ढंग से मुकाबला किया जा सके।

प्रमुख पहलों की प्रगति

PM-ABHIM के तहत विभिन्न प्रमुख स्वास्थ्य अवसंरचना परियोजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा है:

  • 17,788 बिना भवन वाले उप-स्वास्थ्य केंद्रों को आयुष्मान आरोग्य मंदिरों (AAMs) में अपग्रेड करने की स्वीकृति।
  • 11,024 शहरी AAMs (U-AAMs) की स्थापना, जो शहरी मलिन बस्तियों और अविकसित क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेंगी।
  • 3,382 ब्लॉक सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयाँ (BPHUs) का निर्माण, जिससे ब्लॉक स्तर पर स्वास्थ्य प्रबंधन सशक्त होगा।
  • 730 एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाएँ (IPHLs) — प्रत्येक जिले में एक — रोग जांच और निगरानी को सशक्त करने के लिए।
  • 602 क्रिटिकल केयर अस्पताल ब्लॉक्स (CCBs) का निर्माण उन जिलों में जिनकी जनसंख्या पाँच लाख से अधिक है, जिससे तृतीयक स्तर की स्वास्थ्य सेवाएँ सुलभ हों।

स्वास्थ्य अनुसंधान और निगरानी तंत्र में नवाचार

PM-ABHIM ने IT-सक्षम, रीयल-टाइम रोग निगरानी नेटवर्क के विस्तार को प्राथमिकता दी है, जो ब्लॉक से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक की प्रयोगशालाओं को जोड़ता है। यह नेटवर्क बीमारियों का त्वरित पता लगाने, जांच करने और रोकने में मदद करता है।
साथ ही, “वन हेल्थ” दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया गया है, जो मानव, पशु और पर्यावरणीय स्वास्थ्य के आपसी संबंध को स्वीकार करता है। इससे कोविड और अन्य संक्रामक रोगों पर अनुसंधान व नवाचार को बढ़ावा मिला है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • PM-ABHIM की शुरुआत: 25 अक्टूबर 2021 को कोविड-19 महामारी की पृष्ठभूमि में की गई थी।
  • “वन हेल्थ” अवधारणा: यह वैश्विक स्तर पर उभरती स्वास्थ्य रणनीति है जो मानव, पशु और पर्यावरणीय स्वास्थ्य के परस्पर प्रभाव को पहचानती है।
  • आयुष्मान आरोग्य मंदिर: ये प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को नया स्वरूप देने वाली पहल है, जो ग्रामीण और शहरी गरीबों को सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती हैं।
  • IPHLs और CCBs: ये आधुनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाएं और गहन चिकित्सा ब्लॉक्स हैं, जो जिला स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पहुँच को बेहतर बनाते हैं।
Originally written on October 27, 2025 and last modified on October 27, 2025.

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